Haryana विधानसभा चुनाव से ठीक पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को 20 दिनों की पैरोल मिली है। बुधवार सुबह वह भारी सुरक्षा के बीच रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आया। चुनाव आयोग ने राम रहीम को 3 शर्तों के साथ पैरोल दी है।
राम रहीम की पैरोल को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध जताया था। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के लीगल सेल के केसी भाटिया की ओर से भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को एक चिट्ठी लिखी गई, जिसमें आपत्ति जताई गई थी कि राम रहीम की पैरोल से चुनाव प्रभावित हो सकते हैं। कांग्रेस का दावा है कि डेरा प्रमुख का हरियाणा में बड़ा प्रभाव है, और वह इससे पहले भी पैरोल के दौरान चुनाव को प्रभावित कर चुका है।
हालांकि, चुनाव आयोग ने कांग्रेस की आपत्ति को दरकिनार कर 30 सितंबर को राम रहीम की पैरोल को मंजूरी दी थी।
चुनाव आयोग की 3 शर्तें
- हरियाणा में प्रवेश नहीं करेगा: राम रहीम को हरियाणा से बाहर रहना होगा, और वह उत्तर प्रदेश के आश्रम में रहेगा।
- राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहेगा: राम रहीम किसी भी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होगा।
- सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार पर रोक: राम रहीम चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर सकता।
पैरोल शर्तों का उल्लंघन करने पर रद्द होगी पैरोल
चुनाव आयोग ने हरियाणा सरकार को साफ निर्देश दिए हैं कि यदि राम रहीम आचार संहिता या पैरोल की शर्तों का उल्लंघन करता है, तो उसकी पैरोल तुरंत रद्द कर दी जाएगी।
चुनावों पर असर की संभावना
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होना है और 8 अक्टूबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। राम रहीम की पैरोल को चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, खासकर 36 सीटों पर इसका असर माना जा रहा है। राम रहीम रोहतक जेल में यौन शोषण और हत्या के मामले में सजा काट रहा है, लेकिन पैरोल के दौरान वह उत्तर प्रदेश के आश्रम में रहेगा।