शनिवार को भगवान शनि की पूजा का विशेष महत्व है। यह दिन न्याय के देवता शनि महाराज को समर्पित है, और कहा जाता है कि जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं और पूजा करते हैं, उनके जीवन में कोई भी मुसीबत नहीं आती और वे सभी संकटों से मुक्त रहते हैं। शनिवार की शाम पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना भी बहुत शुभ माना जाता है। इसके साथ ही शनि देवता की पूजा से साढ़ेसाती और ढैय्या के प्रभाव से राहत मिलती है।
पूजा विधि:
- सबसे पहले, सुबह उठकर स्नान करें।
- फिर विधिपूर्वक शनि महाराज की पूजा करें और उनके 108 नामों का जाप करें।
- पूजा के बाद आरती करें।
- शाम के समय शनि मंदिर जाकर शनि देव की प्रतिमा में सरसों का तेल चढ़ाएं।
- गरीबों की मदद करें, इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
शनिवार को करें छाया का दान
शनिवार के दिन छाया का दान करना भी अत्यंत फलदायी होता है। इसके लिए:
- एक कटोरी सरसों के तेल में अपनी परछाई देखें।
- फिर उसी तेल का दान किसी जरूरतमंद व्यक्ति को करें।
- साथ ही उस व्यक्ति को गर्म कपड़े, भोजन और कुछ धन भी दें। इससे शनि दोष से राहत मिलती है और शनि देव प्रसन्न होते हैं।
शनिवार को करें ये कार्य, इससे बचें:
- महिलाओं का अपमान न करें।
- किसी भी जानवर को परेशान न करें।
- काले कपड़े पहनने से बचें।
- तामसिक भोजन का सेवन न करें।
शनि देव के नाम:
शनिवार के दिन शनि देव के नामों का जाप करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। ये नाम शनि के कृपापात्र बनने के लिए उपयोगी हैं:
- ऊँ शनैश्चराय नमः
- ऊँ शान्ताय नमः
- ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः
- ऊँ शरण्याय नमः
- ऊँ वरेण्याय नमः
- ऊँ सर्वेशाय नमः
- ऊँ सौम्याय नमः
- ऊँ घनाय नमः
- ऊँ मन्दाय नमः
- ऊँ नीलवर्णाय नमः
शनिवार के दिन इन उपायों को अपनाकर आप अपने जीवन में शनि के दोषों को समाप्त कर सकते हैं और सुख, समृद्धि, शांति प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही छाया दान और शनि पूजा से शनि देवता की कृपा प्राप्त होती है।