हिंदू धर्म में माथे पर तिलक लगाना बहुत शुभ माना जाता है। यह माथे पर लगाया जाने वाला एक छोटा-सा चिह्न होता है, जो पूजा और अन्य धार्मिक अवसरो पर लगाया जाता है। ताकि इससे एक अलग पहचान मिल सके। हिंदू परंपरा के अनुसार तिलक एक विशेष कार्य के रूप में माना जाता है। बिना तिलक लगाए ना तो पूजा की अनुमति होती है और न ही पूजा पूरी होती है।
तिलक लगाना हिंदू परंपरा का एक विशेष अंग है। सभी प्रकार के पूजा-पाठ, यज्ञ और अनुष्ठानों में तिलक लगाए जाते हैं। इसके अलावा किसी शुभ कार्य के लिए घर से बाहर जाने से पहले भी तिलक लगाने का महत्व है।
हिंदू धर्म में तिलक का महत्व
कोई भी त्योहार या धर्म का कोई भी कार्य बिना तिलक के संपन्न नहीं माना जाता।आपको बता दें कि माथे पर तिलक लगाने से सकारात्मकता आती है और कुंडली में मौजूद ग्रह शांत होते हैं। यह हिन्दू संस्कृति का एक अभिन्न अंग होता है। देवी-देवताओं, योगियों और संत-महात्माओं के माथे पर तो हमेशा तिलक लगा रहता है, लेकिन आम लोगों में त्योहार, पूजा-पाठ, संस्कारों और किसी शुभ अवसर पर ही तिलक लगाया जाता है।
शास्त्रों के अनुसार चंदन का तिलक लगाने से घर में अन्न-धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। तिलक लगाने से जाने-अनजाने में किए हुए पापो का नाश होता है, जीवन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता बनी रहती है।
तिलक लगाने के पीछे का वैज्ञानिक दृष्टिकोण
विज्ञान के अनुसार मस्तिष्क पर तिलक लगाने से सिर दर्द नहीं होता और व्यक्ति की स्मरण शक्ति तेज होती है साथ ही मन निर्मल होकर हमें सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है। तिलक लगाने से विवेकशीलता और आत्मविश्वास बना रहता है।