करें भगवान राम सीता की आराधना मिलेगा मोक्ष और सौभाग्य 1

सीता नवमी पर करें भगवान राम-सीता की आराधना, मिलेगा मोक्ष और सौभाग्य

धर्म
  • सीता नवमी पर माता सीता के प्राकट्य की होती है पूजा
  • 5 मई को सोमवार के दिन मनाया जा रहा है सीता नवमी का पर्व
  • आज भगवान राम व सीता की पूजा से मिलती है रोगों से मुक्ति और मोक्ष


Sita Navami 2025: आज, 5 मई 2025 को सीता नवमी का पावन पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आता है और इसी तिथि को माता सीता के प्राकट्य की कथा जुड़ी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राजा जनक ने जब संतान प्राप्ति की इच्छा से यज्ञ हेतु भूमि जोतनी शुरू की, तो पृथ्वी से एक कन्या का प्राकट्य हुआ जिसे उन्होंने सीता नाम दिया। इस शुभ दिन को जानकी नवमी या जानकी जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

सीता नवमी का महत्व हिन्दू धर्म में विशेष है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन विधि से भगवान राम और माता सीता की आराधना करने से व्यक्ति को रोग और शोक से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है और 16 महान दानों के बराबर पुण्य भी प्रदान करता है। माता सीता को त्याग, पवित्रता और संयम की मूर्ति माना गया है और त्रेतायुग में वे भगवान विष्णु के राम अवतार के साथ माता लक्ष्मी के रूप में अवतरित हुईं।

इस बार सीता नवमी का पर्व 5 मई को मनाया जा रहा है क्योंकि नवमी तिथि का आरंभ 5 मई को सुबह 7:35 बजे हुआ और यह 6 मई की सुबह 8:39 बजे तक रहेगी। हालांकि 6 मई को नवमी तिथि का मध्याह्न काल प्राप्त नहीं हो रहा, इसलिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पर्व आज ही मनाया जा रहा है।

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श्रद्धालु आज के दिन भगवान राम और सीता माता की विधिपूर्वक पूजा करें। मंदिर या घर में घट स्थापना, रामचरितमानस पाठ, सुगंधित पुष्प अर्पण, गंगाजल, फल और मिठाई से आरती करें। इसके अलावा महादेव की पूजा का भी विशेष महत्व है क्योंकि आज सोमवार भी है। सीता माता के साथ शिव पूजन से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में विजय और सुख की प्राप्ति होती है।