Panipat जिले के गांव आदियान की रहने वाली कुश्ती खिलाड़ी निशा दहिया का पेरिस ओलम्पिक के लिए चयन हुआ है। निशा, जो किसान रमेश दहिया की बेटी हैं, अब पेरिस ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस खबर से उनके परिवार और गांव में खुशी का माहौल है।
निशा की मां बबली ने बताया कि रमेश दहिया खेती-बाड़ी करते हैं और उनकी दो बेटियां हैं। उन्होंने अपनी बेटियों को हमेशा बेटों की तरह पाला है। निशा, जो छोटी बेटी है, ने शुरुआत में दूसरा खेल खेला लेकिन पिता के मन में था कि निशा ऐसा खेल खेले जिसमें वह अकेली खेल सके। इस विचार से निशा ने कुश्ती की शुरुआत की।
निशा की शुरुआत

निशा ने महज 12 साल की उम्र में, जब वह 8वीं कक्षा में थी, कुश्ती खेलना शुरू किया। उन्होंने जींद के निडानी में कुश्ती सीखनी शुरू की। उनकी मेहनत और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें जिला, प्रदेश और नेशनल स्तर पर कई मेडल जिताए। 2014 में उन्होंने पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैडल जीता और अंडर 16 एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मैडल हासिल किया।
आर्थिक संघर्ष
निशा के परिवार ने उनकी सफलता के लिए कड़ी मेहनत की। निशा के पिता एक छोटे किसान हैं और घर का खर्च खेती-बाड़ी से चलता है। जब निशा को घर से बाहर भेजना पड़ा तो खर्च भी बढ़ गया। खिलाड़ी का खान-पान अच्छा होना चाहिए, इसलिए खर्चा बढ़ गया, लेकिन परिवार ने कभी पीछे नहीं हटाया।

निशा की बहन का योगदान
निशा की चचेरी बहन ने बताया कि निशा का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। छुट्टियों में घर आने पर वह निशा को पढ़ाती थीं और कई बार डांटती भी थीं। निशा बचपन में शरारती थी लेकिन परिवार की लाडली भी थी। उनका व्यवहार बहुत अच्छा है और वह परिवार से कोई बात नहीं छुपाती। निशा को खाने-पीने का भी बड़ा शौक नहीं था और वह जो भी मिलता था, उसी से काम चला लेती थीं।
ओलंपिक में चयन

अब निशा पेरिस ओलंपिक में खेलने जा रही हैं। उनके परिवार को पूरा विश्वास है कि वह गोल्ड जीतकर लौटेंगी और देश, प्रदेश और अपने गांव का नाम रोशन करेंगी। परिवार के अनुसार, जिस दिन ओलंपिक के लिए सिलेक्शन हो रहा था, वे उनके मैच को देख रहे थे और क्वालीफाई करते ही उन्हें यकीन हो गया था कि निशा मेडल लेकर आएंगी।