सोनीपत के मयूर विहार में स्थित Abhishek Nain के घर जीत का जश्न मनाया गया। पेरिस ओलंपिक में हॉकी टीम की जीत के बाद अभिषेक नैन ने सबसे पहले परिजनों से बातचीत की। अभिषेक ने अपनी जीत का श्रेय अपने कोच शमशेर सिंह और परिजनों को दिया।
पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन कर अपनी योग्यता को लोहा मनवाते हुए देश को हॉकी में 13वां पदक दिलवाया है। भारतीय टीम की जीत में जिले के दो खिलाड़ियों की अहम भूमिका रही। टीम ने बेहतरीन रणनीति के साथ विरोधी स्पेन को 2-1 से हराकर कांस्य पदक जीता है। भारतीय टीम ने 50 साल बाद ओलंपिक में लगातार दूसरा पदक जीता है। टीम की जीत से पूरे देश के साथ जिले में भी जश्न का माहौल है।
अभिषेक ने 3 बार किया गोल करने का प्रयास
मयूर विहार निवासी अभिषेक नैन के मुकाबले में तीन बार गोल करने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सके। अभिषेक नैन ने मुकाबले की शुरुआत में ही बेहतरीन तरीके से बॉल को करीब तीन विरोधियों में से निकालकर डी में ले गए। पास किया तो बॉल विरोधी खिलाड़ी के पैरों पर जा लगी। जिसके बाद भारतीय टीम को पेनल्टी कार्नर मिला। जिसे भारतीय कप्तान हरमनप्रीत ने गोल में तब्दील किया।
भारतीय टीम ने इस गोल के साथ 1-1 से बराबरी की। वहीं तीसरे राउंड में भारतीय टीम पेनल्टी कार्नर बनाने में कामयाब रही। 33वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत ने शानदार ड्रैग फ्लिक के साथ भारतीय टीम को 2-1 की विजय बढ़त दिलाई। अभिषेक ने अंतिम पांच मिनट में डिफेंस किया।
गर्व से छाती चौड़ी कर दी
वहीं सुमित के भाई जयसिंह ने बताया कि टीम ने कमाल कर दिया है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा कि सुमित ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। सुमित ने गर्व से छाती चौड़ी कर दी है। सुबह से ही टीम की जीत के लिए व्रत रख रखा था। यह कांस्य पदक सोने से भी बेहतर है। गांव कुराड़ में सुमित के वापस लौटने पर जोरदार स्वागत किया जाएगा।
अभिषेक नैन की मां सूरत देवी ने बताया कि पूरे मुकाबले के दौरान धड़कने बड़ी हुई थी। एक सेकंड भी टीवी से नजर नहीं हट रही थी। अभिषेक ने मुकाबले से पहले बात की थी। उन्होंने बताया कि अभिषेक ने बेहतर प्रदर्शन करेंगे। अभिषेक ने बहुत मेहनत की है। वह हमेशा हॉकी ही खेलता रहता था, आज बेटे ने नाम रोशन कर दिया। वापस आने पर चुरमे से स्वागत करुंगी। और वही देश के प्रधानमंत्री को भी चूरमा भेजा जाएगा।
अभिषेक के पिता सत्यनारायण ने बताया कि पूरी टीम बेहतर खेली है। उम्मीद स्वर्ण पदक की थी लेकिन यह पदक सोने से कम नहीं है। अभिषेक ने शानदार प्रदर्शन किया है। अभिषेक नैन ने मुकाबले के बाद कहा कि पदक जीतकर बेहद खुश हूं, जिंदगी से जो चाहिए था वह मिला है। इस लम्हे को शब्दों में बयां नहीं कर सकता। उन्होंने ओलंपिक कांस्य पदक अपने गुरु शमशेर सिंह को समर्पित किया है।