अंबाला के रहने वाले शूटर Sarabjot Singh ने हरियाणा सरकार द्वारा दिए गए सरकारी नौकरी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने सरबजोत सिंह को खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी देने का वादा किया था। सरबजोत ने पेरिस ओलिंपिक में मनु भाकर के साथ मिलकर 10 मीटर मिक्स पिस्टल शूटिंग इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
सरबजोत सिंह ने इस बारे में कहा, “डिप्टी डायरेक्टर की नौकरी अच्छी है, लेकिन मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगा। मेरा पूरा ध्यान शूटिंग पर रहेगा। मेरी फैमिली भी अच्छी नौकरी के लिए कह रही है, लेकिन मैं शूटिंग में करियर बनाना चाहता हूं।” सरबजोत ने आगे कहा, “यह जॉब ऑफर एक्सेप्ट करने वाली बात नहीं है। मैं अपने फैसलों के खिलाफ नहीं जा सकता।”
पहले मिलती थी पुलिस में नौकरी
हरियाणा में पहले कांग्रेस सरकार के दौरान ओलिंपिक मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को पुलिस में नौकरी दी जाती थी। मेडल के हिसाब से सब इंस्पेक्टर से लेकर DSP तक की नौकरी मिलती थी।
CM सैनी ने सम्मानित किया
9 अगस्त को सरबजोत सिंह और मनु भाकर ने चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात की थी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दोनों को सम्मानित किया और खेल विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद की पेशकश की। उस समय मनु और सरबजोत ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।
मनु भाकर का बयान
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद मनु भाकर ने कहा था, “मुख्यमंत्री से मिलकर अच्छा लगा। हरियाणा की पॉलिसी हमेशा ही चर्चा में रहती है। हरियाणा से बहुत सारे एथलीट निकलते हैं। कुछ तो हरियाणा अच्छा कर रहा है, जिससे खिलाड़ी आगे बढ़ पाते हैं।”
अगले ओलिंपिक में गोल्ड की तैयारी
सरबजोत सिंह ने पेरिस से लौटने के बाद कहा था, “इस बार जो कमी रह गई, उसे दूर कर अगले ओलिंपिक में मेडल का रंग बदलना चाहूंगा। मेरा अगला टारगेट 2028 में अमेरिका के लॉस एंजिल्स (LA) में होने वाले ओलिंपिक में गोल्ड जीतना है।”
सरबजोत सिंह के बारे में
सरबजोत सिंह का जन्म 30 सितंबर 2001 को हरियाणा के अंबाला जिले के मुलाना के धीन गांव में हुआ था। उनके पिता जतिंदर सिंह किसान हैं और मां हरदीप कौर गृहिणी। सरबजोत चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित DAV कॉलेज के छात्र हैं। उन्होंने स्कूल के समय से ही शूटिंग करना शुरू कर दिया था और अंबाला कैंट स्थित एआर शूटिंग एकेडमी में कोच अभिषेक राणा के तहत ट्रेनिंग ली।