Paris Olympic में आज हरियाणा के 3 खिलाड़ी अपना जलवा दिखाएंगे। हरियाणा की स्टार पहलवान विनेश फोगाट के तीन कुश्ती मुकाबले होंगे। वहीं गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा आज दोपहर 3:20 बजे जेवलिन थ्रो का इवेंट खेलेंगे। आज उनका क्वालिफिकेशन मैच है और अगर वह इसमें क्वालीफाई करते हैं तो 8 अगस्त को फाइनल खेलेंगे।
नीरज ने 2021 टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम ऊंचा किया था। इसी तरह किरण पहल आज दोपहर 2:50 बजे 400 मीटर दौड़ में रेपचेज राउंड खेलेंगी। पहले राउंड की पांचवीं हीट में किरण सातवें स्थान पर रहीं थीं। रेपचेज राउंड में जीतने के बाद किरण का चयन सेमीफाइनल में हो सकता है।
विनेश फोगाट तीसरे ओलंपिक में ले रही भाग
विनेश फोगाट अपने तीसरे ओलंपिक में भाग ले रही हैं और उनकी कुश्ती प्रतियोगिता पेरिस 2024 चैंप-डे-मार्स एरिना में शुरू हो रही है। वह विश्व चैंपियनशिप की ब्रॉन्ज मेडल विजेता और राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियनशिप की गोल्ड मेडल विजेता हैं।
विनेश फोगाट ने रियो 2016 में महिलाओं की 48 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी में ओलंपिक डेब्यू किया था, लेकिन घुटने में चोट के कारण उन्हें क्वार्टर फाइनल से हटना पड़ा था। टोक्यो 2020 में 53 किग्रा क्वार्टरफाइनल में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब पेरिस 2024 में वह 50 किग्रा वर्ग में भाग लेंगी और बिना वरीयता के इवेंट में प्रवेश करेंगी। मौजूदा चैंपियन यूई सुसाकी, जो 4 बार की विश्व चैंपियन हैं, इस वर्ग में शीर्ष वरीयता प्राप्त हैं।
विनेश फोगाट की संघर्ष भरी यात्रा
विनेश फोगाट ने भारतीय खेलों के लिहाज से एक बड़ा विवाद झेला है। 2023 के शुरुआती महीने में WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोपों के चलते विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस विवाद का असर खिलाड़ियों की ओलंपिक तैयारियों पर पड़ा। बजरंग पूनिया क्वालीफाई नहीं कर सके, लेकिन विनेश फोगाट ने ओलंपिक कोटा हासिल कर लिया। अब विनेश पर मेडल लाने की बड़ी जिम्मेदारी है।
अब पढ़िए तीनों खिलाड़ियों के बारे में..
नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ। उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था। जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें मतलौडा और बाद में पानीपत के एक जिम में भेजना शुरू किया।
भाला फेंक खिलाड़ी जयवीर चौधरी ने पानीपत खेल प्राधिकरण में आने के दौरान उनकी प्रतिभा को पहचाना। इसके बाद जयवीर, नीरज के पहले कोच बने। उसके बाद नीरज का दाखिला पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ, जहां उन्हें नसीम अहमद ने ट्रेनिंग दी। उनसे उन्होंने लंबी दौड़ और भाला फेंकना सीखा।
उन्होंने 55 मीटर की थ्रो रेंज हासिल की, लेकिन जब वे लखनऊ की 2012 की जूनियर चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए, तो उन्होंने 68.40 मीटर का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद नीरज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज के प्रदर्शन से प्रभावित होकर भारतीय सेना ने उन्हें राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद का ऑफर दिया। उन्हें नायब सूबेदार का पद दिया गया, जो एथलीटों के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाला पद नहीं है। उन्हें 2016 में औपचारिक रूप से जेसीओ के रूप में शामिल किया गया और ट्रेनिंग के लिए छुट्टी दी गई।
विनेश फोगाट
विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 में हरियाणा में भिवानी जिले के बलाली गांव में हुआ। विनेश छोटी ही थीं कि उनके पिता की मौत हो गई। इसके बाद मां ने बड़े प्यार ने विनोश को बड़ा किया। उनका परिवार शुरू से ही कुश्ती को लेकर जाना जाता रहा है।
विनेश के चाचा महावीर फोगाट ने कुश्ती के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया। शुरू में विनेश की कुश्ती में दिलचस्पी नहीं थी। बाद में धीरे-धीरे उनका रूझान कुश्ती की तरफ बढ़ा। इसके बाद वह भारतीय महिला पहलवानों की लिस्ट में शामिल हो गईं। 13 दिसंबर 2018 को विनेश की शादी पहलवान सोमवीर राठी से हुई।
किरण पहल
किरण पहल का जन्म 5 अगस्त 2000 को हुआ। वह हरियाणा में गन्नौर के गुमड़ गांव की रहने वाली हैं। पिता ओमप्रकाश पहल ने सपना संजोया था कि उसका बेटा या बेटी देश के लिए ओलिंपिक का मेडल जीते। इसके बाद उन्होंने बेटी किरण को मैदान में मेहनत करने के लिए भेजना शुरू किया। किरण को मेहनत करता देख गांववालों ने ओमप्रकाश को ताने देना शुरू किया कि बेटी है घर पर रखो।
साल 2022 में ओमप्रकाश की बीमारी की वजह से मौत हो गई, लेकिन किरण ने अपने पिता की मौत के बाद अपनी तैयारी और जोरों-शोरों से शुरू की ताकि वह अपने पिता का सपना पूरा कर सके।
किरण के भाई रविंद्र और जब किरण को हमारे पापा बाहर भेजते तो गांव वाले कहते बेटी है ब्याह कर दो, क्या भेज रहे हो बाहर। अब देखो किरण ने क्या कर दिखाया, पूरे गांव को उस पर नाज है। किरण का जब पेरिस ओलिंपिक में खेलने का सिलेक्शन हुआ तो टीवी से पता चला, लेकिन अब बेहद खुशी है कि वो देश के लिए मेडल लाने के लिए पेरिस में है।
शुरुआत में घर की हालात अच्छी नहीं थी। दादी के पेंशन के पैसे से दौड़ने के लिए जूते खरीदे थे और अब हमारे पापा का सपना पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है। जब वह घर आएगी तो उसका जोरदार स्वागत किया जाएगा और पदक साथ होगा तो क्या कहना।
मां माया देवी ने बताया कि किरण को चने के लड्डू पसंद हैं। किरण भारतीय रेलवे में कर्मचारी है। हम यही उम्मीद लगाए बैठे है कि किरण देश के लिए मेडल लाए और देश का नाम रोशन करे।