Ghaziabad देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक नया शहर बसाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। यह शहर कहीं और नहीं बल्कि दिल्ली से सटे गाजियाबाद में बसेगा। इसे हरनंदीपुरम (Harnandipuram) नाम दिया गया है। हरनंदीपुरम को आधुनिक रूप दिया जाएगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने हरनंदीपुरम की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने के लिए तीन कंपनियों का चयन किया है, जिन्होंने मंगलवार को प्रेजेंटेशन दिया।

कंसल्टेंट कंपनियों ने बनाई नए शहर की रूपरेखा
तीन कंपनियों में ट्रेकटेबेल इंजीनियरिंग, एंजिल कन्सलटेंसी सर्विसेज और डीडीएफ कन्सलटेंट प्रा. लि. की तरफ से GDA उपाध्यक्ष अतुल वत्स के समक्ष प्रजेंटेशन दिया गया। मुख्यतः रेजीडेंसियल एरिया, कॉमर्शियल एरिया और इसके अतिरिक्त सम्पूर्ण प्लान को समायोजित किया। इसके अतिरिक्त पानी की निकासी एवं प्रदूषण से निपटने के लिए इंतजाम का भी विस्तृत विवरण दिया गया। रोड कनेक्टिविटी के बारे में भी कपंनियों द्वारा प्रेजेंटेशन प्रस्तुत करने वाली तीनों कंपनियों को फाइनेसियल बिड में क्वालीफाई करने के लिए न्यूनतम 70 अंक हासिल करना अनिवार्य किया गया है, जिसका निर्णय समिति के द्वारा प्रजेंटेशन के आधार पर लिया जाएगा। क्वालीफाई करने वाली कम्पनी का ही वित्तीय बिड खोला जायेगा।
10 साल बाद लाया जा रहा बड़ा टाउनशिप प्रोजेक्ट
गाजियाबाद में 10 साल बाद कोई बड़ा टाउनशिप प्रोजेक्ट आ रहा है। इसमें हजारों लोगों के आशियाने का सपना पूरा हो पाएगा। GDA करीब 15000 करोड़ रुपये खर्च कर एक नया शहर बसाएगा। गाजियाबाद में इससे पहले 2004 में मधुबन बापूधाम हाउसिंग स्कीम प्रोजेक्ट लांच हुआ था। अब हरनंदीपुरम टाउनशिप को लेकर अभी से काफी उत्सुकता दिख रही है।
आठ गांवों की जमीन खरीदी जाएगी
गांव मथुरापुर, नंगला फिरोज मोहनपुर, शमशेर, चंपतनगर, भनैड़ा खुर्द, शाहपुर मोरटा, मोरटा और भोवापुर के पास कुल 541.65 हेक्टेयर जमीन पर हरनंदीपुरम प्रोजेक्ट विकसित किया जाएगा। जीडीए ने आठ गांवों में जमीन खरीद बिक्री भी रोकने का फैसला लिया गया है।
हिंडन नदी का पुराना नाम है हरनंदी
GDA की नई टाउनशिप राजनगर एक्सटेंशन का विस्तार भी मानी जा सकती है। राजनगर से सटी इस योजना से आरआरटीएस कॉरिडोर से आरआरटीएस कॉरिडोर, दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस-वे, पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे और भविष्य की ट्रेन आर्बिटल रेल, यानि सारी परिवहन प्रणाली 10 मिनट की दूरी पर होंगी। नई टाउनशिप का नाम हिंडन नदी के नाम पर रखा गया है, क्योंकि हिंडन नदी का पुराना नाम हरनंदी ही था।