- मुंबई पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के जरिए किया डिजिटल अरेस्ट
- ठगों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर चार ट्रांजेक्शन में पैसे ऐंठे
Cyber Fraud Karnal: हरियाणा के करनाल में बुजुर्ग दंपति से 62 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले में पुलिस ने 8 आरोपी धरे हैं। गिरफ्तार करने बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां से अदालत ने सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जिला जेल भेज दिया। बात दे कि 71 वर्षीय बुजुर्ग दंपति का बेटा विदेश में रहता है और वे खुद करनाल में रहते हैं। बीती 17 फरवरी को उनके पास एक वॉट्सअप कॉल आई, जिसमें खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताने वाली महिला ने कहा कि उनके खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हैं और अगले दिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने आ रही है।
मामला 17 फरवरी का है, जब बुजुर्ग दंपति के पास एक वॉट्सऐप कॉल आई। कॉलर ने खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताया और दावा किया कि उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज हैं। इसके बाद, ठगों ने वीडियो कॉल पर एक नकली पुलिस स्टेशन का माहौल दिखाया और उन्हें विश्वास दिलाया कि वे वाकई में मुंबई पुलिस के संपर्क में हैं।
बुजुर्ग को डराने के लिए ठगों ने कहा कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है, जिसमें जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल द्वारा उनके नाम के खाते में 256 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। इसके चलते, मुंबई पुलिस उन्हें अगले दिन गिरफ्तार करने करनाल पहुंच रही है और उनकी जमानत छह महीने तक नहीं हो सकेगी।
इतना सुनते ही बुजुर्ग घबरा गए। उनकी कुछ महीने पहले ही हार्ट सर्जरी हुई थी, जिससे वे और अधिक तनाव में आ गए। जालसाजों ने वीडियो कॉल पर उन्हें लगातार निगरानी में रखा और धमकी दी कि अगर उन्होंने किसी से संपर्क किया, तो उनके घर के आसपास तैनात पुलिसकर्मी उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लेंगे।
डर के कारण बुजुर्ग ने कॉलर से अनुमति लेकर ही अपनी हर गतिविधि की, यहां तक कि वॉशरूम जाने के लिए भी। इस दौरान, उन्होंने चार बार में कुल 62 लाख रुपये ठगों के बताए खातों में ट्रांसफर कर दिए—पहली ट्रांजेक्शन 12.50 लाख, दूसरी 25 लाख, तीसरी 10 लाख और चौथी 15 लाख की थी।
बैंक खाते में पैसे खत्म होने के बाद, बुजुर्ग ने अपने बेटों को पूरे मामले की जानकारी दी, जिन्होंने तुरंत साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद, पुलिस ने देशभर से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
यह मामला साइबर ठगी का एक खतरनाक उदाहरण है, जिसमें ठग अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके लोगों को जाल में फंसा रहे हैं। पुलिस अब इस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है और नागरिकों से सतर्क रहने की अपील कर रही है।