सावन के बाद होगा भद्रपद का आरंभ, किस भगवान की उपासना के लिए खास है यह माह

धर्म

सावन का महीना 31 अगस्त 2023 को समाप्त हो जाएगा और इसके बाद भाद्रपद महीने की शुरुआत होगी। यह महीना श्रीकृष्ण की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि इसी महीने में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इस महीने में सभी लोग मनवांछित फल पाने के लिए श्री कृष्ण की उपासना करते हैं।

हिंदु धर्म के अनुसार हर महीने का अपना एक महत्व होता है। सावन का महीना शिवजी का प्रिय महीना माना जाता है। जिस तरह से सावन का महीना शिवजी को पूजने के लिए खास होता है, उसी तरह भाद्रपद महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का भी विशेष महत्व है।

भाद्रपद का महीना कब होगा शुरु

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हिंदू धर्म के अनुसार भाद्रपद साल का 6वां महीना होता है, जोकि सावन के बाद शुरू होता है। इसे भाद्रपद, भाद्र, भादो या भाद्रव इन नामों से भी जाना जाता है। अंग्रेजी या ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, आमतौर पर यह अगस्त और सितंबर के महीने में आता है। इस साल भाद्रपद के महीने की शुरुआत 01 सितंबर 2023 को होगी और इसकी समाप्ति 29 सितंबर को होगी।

जानिए क्या है इस माह का महत्व

इस महीने मे पूजा-पाठ और व्रत के लिए खास महत्व है। धर्म शास्त्रों के अनुसार, भाद्रपद महीने में पवित्र नदियों में स्नान करना, गरीबों को दान देना और व्रत करना चाहिएँ।इसके साथ ही इस पूरे महीने में श्रद्धा पूर्वक भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए। इससे व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती है।

कौन से कार्य होते हैं शुभ

शास्त्रो के अनुसार भादो के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने तथा जरूरतमंदों को जरूरत कि वस्तुए दान करने की परंपरा है। वहीं भगवान कृष्ण की पूजा में तुलसीदल जरूर अर्पित करें।शरीर और बुद्धि के विकास के लिए इस महीने में शाकाहारी भोजन शुभ माना गया है। माना जाता है कि भाद्रपद के महीने में गाय के दूध का पीने और भगवान कृष्ण को पंचगव्य अर्पित करने से संतान प्राप्ती होती है।