पंजाब ने रोका हरियाणा का पानी टकराव चरम पर

पंजाब ने रोका हरियाणा का पानी, टकराव चरम पर: अभय चौटाला की चेतावनी, टोहाना से दिल्ली तक संकट की लहर

हरियाणा की बड़ी खबर


पंजाब सरकार ने भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाला पानी आधा कर दिया है
हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और जींद समेत कई जिलों में जल संकट, टैंकर माफिया सक्रिय
अभय चौटाला ने रास्ते बंद करने की चेतावनी दी, CM सैनी बोले- दिल्ली पर भी असर पड़ेगा


Haryana-Punjab Water War Deepens:हरियाणा और पंजाब के बीच भाखड़ा नहर से पानी की आपूर्ति को लेकर टकराव तेज हो गया है। पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने हरियाणा को मिलने वाले पानी में भारी कटौती कर दी है। अब तक मिल रहे 8500 क्यूसेक की जगह सिर्फ 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। इससे हरियाणा के कई जिलों में जल संकट गहराने लगा है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, रेवाड़ी, जींद और झज्जर जैसे जिलों में पीने और सिंचाई दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।

Whatsapp Channel Join

इस मुद्दे पर इनेलो नेता अभय चौटाला ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हरियाणा को उसका हिस्सा नहीं मिला तो वे पंजाब से हरियाणा होकर गुजरने वाले सभी रास्ते बंद कर देंगे। उन्होंने पंजाब सरकार पर किसानों को लड़वाने का आरोप भी लगाया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि यह सिर्फ पानी का नहीं, बल्कि पेयजल का मसला है, और अगर हरियाणा को पानी नहीं मिला तो दिल्ली की सप्लाई भी प्रभावित होगी।

BBMB (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) ने यह मसला केंद्र को भेज दिया है। बोर्ड केंद्र के विद्युत मंत्रालय के अधीन आता है, जिसके मंत्री मनोहर लाल खट्टर हैं। पंजाब की ओर से तर्क दिया गया है कि हरियाणा ने अपने हिस्से से अधिक 103% पानी इस्तेमाल किया, जबकि पंजाब को अब तक सिर्फ 89% पानी मिला है। साथ ही पंजाब के बांधों का जलस्तर सामान्य से नीचे है और आने वाले समय में उन्हें धान की फसल के लिए पानी की जरूरत होगी।

हिसार और सिरसा जैसे जिलों में 50% से ज्यादा पानी की कटौती की गई है, जिससे टैंकर माफिया सक्रिय हो गया है। हिसार में एक टैंकर का रेट 400 से बढ़कर 1200 रुपये तक पहुंच गया है। फतेहाबाद में सिंचाई पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है, वहीं जींद में निर्माण और वॉशिंग स्टेशन बंद कराए गए हैं। कुछ जिलों जैसे गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और करनाल में यमुना से सप्लाई होने के कारण अभी असर नहीं पड़ा है।

अब पूरा मामला राजनीतिक रंग भी ले चुका है, जहां AAP और भाजपा के बीच दिल्ली से लेकर पंजाब तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। उधर, किसानों की चिंता बढ़ गई है क्योंकि आने वाले महीनों में नहरों पर निर्भर सिंचाई का सीजन शुरू होने वाला है।