क्रिकेटर कपिल देव का नाम आते ही 1983 का विश्वकप याद आ जाता है। इसी साल भारत ने पहली बार क्रिकेट का विश्वकप जीता था। विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव थे। कपिल देव ने उस दौर की सबसे आक्रामक और मजबूत टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ एक पारी में 9 विकेट लिए थे। बतौर कप्तान एक मैच में सबसे ज्याद विकेट लेने के उनके रिकाॅर्ड को आज तक कोई दूसरा कप्तान तोड़ नहीं पाया है।
विश्वकप-1983 में जिंबाब्वे की टीम के सामने कपिल देव ने 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 175 रन बनाए थे। माना जाता है कि कपिल देव की इस पारी ने ही भारत को विश्वकप में बाहर होने से बचाया था। इसके बाद तो भारत ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और 1983 में पहली बार विश्वकप अपने नाम कर लिया।
कपिल देव भारतीय क्रिकेट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं। चंडीगढ़ में पैदा हुए कपिल देव के पिता पंजाब पुलिस में थे। उन्होंने दिल्ली के स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी की थी।
कपिल देव 1978 में भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए जल्द ही भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे जाने-माने खिलाड़ियों में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाई। कपिल देव के नाम कई ऐसे रिकाॅर्ड हैं जिन्हें आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है। भारत सरकार उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित कर चुकी है।
कपिल देव खेल के प्रति कितने समर्पित थे इसका अंदाजा उनके साथ हुई एक घटना से लगाया जा सकता है। एक पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कपिल देव ने बताया था कि 1987 में शारजाह में एक मैच के दौरान एक व्यक्ति भारतीय क्रिकेट टीम के ड्रेसिंग रूम में दाखिल होने और खिलाड़ियों से बातचीत करने की कोशिश कर रहा था। कपिल ने तुरंत उस व्यक्ति को बाहर जाने के लिए बोला। बाद में उन्हें पता चला कि वह दाऊद इब्राहिम था।
जन्म | 6 जनवरी, 1959 चंडीगढ़, हरियाणा, भारत |
शिक्षा | श्री रामखेलानी विद्यालय, चंडीगढ़ |
उपलब्धि | अर्जुन पुरस्कार (1980), ICC लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2019), पद्म भूषण (1991) |
माता | राज कुमारी लजवंती |
पिता | राम लाल निखंज |
पत्नी | रोमी भाटिया |
पुत्री | अमिया देव |