उत्तर भारत में मानसून की भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारी वर्षा के चलते पुल टूटे, सड़कें धंसी, रेलवे ट्रैक डूबे और कई स्थानों पर लैंडस्लाइड और बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं।
उत्तराखंड: यमुनोत्री और बद्रीनाथ हाईवे ठप
उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी के पास पुल बह गया, जिससे क्षेत्र का सड़क संपर्क पूरी तरह से कट गया है। उधर, श्रीनगर में तेज बारिश के बाद हुए भूस्खलन ने बद्रीनाथ हाईवे को बंद कर दिया है। लगातार हो रही बारिश के कारण राहत और बचाव कार्य भी बाधित हो रहे हैं। यात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश: शहडोल में 3 हजार घरों में पानी घुसा
मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में बीते 24 घंटों में 4 इंच बारिश हुई, जिससे आधी रात को शहर में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई।
- 3,000 से ज्यादा घरों में पानी भर गया,
- अस्पतालों को खाली कर मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करना पड़ा।
- रेलवे ट्रैक डूब गया, जिससे ट्रेनें चार घंटे तक बाधित रहीं।
राजस्थान: सड़कों का संपर्क टूटा, नदियां उफान पर
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में बाघोली नदी के तेज बहाव के कारण नेशनल हाईवे-52 से जुड़ने वाली सड़क बह गई। सीकर में लगातार बारिश से नाले उफान पर आ गए हैं, और कई स्थानों पर शहर की सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
हिमाचल प्रदेश: रिकॉर्ड आपदा, दर्जनों मौतें
हिमाचल प्रदेश में 20 जून से 6 जुलाई के बीच बादल फटने की 19 घटनाएं, बाढ़ के 23 मामले, और 19 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं।
- राज्य की 269 सड़कें अभी भी बंद हैं।
- इन प्राकृतिक आपदाओं में अब तक 82 लोगों की जान जा चुकी है, और सैकड़ों लोग बेघर हो चुके हैं।
पर्यटन और तीर्थयात्रा पर असर
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में सड़कें बंद होने के कारण चारधाम यात्रा और अन्य तीर्थ यात्राओं पर असर पड़ा है।
विशेषकर यमुनोत्री और बद्रीनाथ यात्रा मार्गों के बाधित होने से हजारों श्रद्धालु फंसे हुए हैं।
प्रशासन की चेतावनी और राहत कार्य
राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि
- अनावश्यक यात्रा से बचें,
- पहाड़ी क्षेत्रों में न जाएं,
- बारिश के दौरान नदियों और नालों के पास न जाएं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की टीमें बचाव और राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।