पानीपत, (आशु ठाकुर) : जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुदेश कुमार शर्मा के कुशल मार्गदर्शन में सेशन डिवीजन, पानीपत में अधिनिर्णय की पूरी प्रक्रिया न्यायाधीशों, वकीलों, वादियों, बीमा कंपनियों और बैंक प्रतिनिधियों के बीच न्यायालय में निजी रूप से आकर शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।
लंबित मामलों के साथ-साथ पूर्व मुकदमेबाजी के मामलों से निपटने के लिए लोक उपयोगिता सेवाओं की खंडपीठ का भी गठन किया गया। जिसमें दुर्घटना के दावे, चेक बाउंस, बैंक वसूली, नागरिक विवादों से संबंधित सार्वजनिक उपयोगिता सेवाएं, उपभोगता कमीशन के केस भी शामिल हैं और यहां तक कि घरेलू हिंसा अधिनियम आदि से संबंधित कंपाउंडेबल अपराधों के आपराधिक मामले भी शामिल है।
विवादों के निपटान के प्रभावी तरीकों में से एक
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण प्रतीक जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि लोक अदालत विवादों के निपटान के प्रभावी तरीकों में से एक है। लोक अदालतों में विवादों का सौहार्दपूर्वक निपटारा किया जाता है। “सभी के लिए न्याय तक पहुंच” के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए एडीआर तंत्र का संवर्धन काफी महत्वपूर्ण है।
समालखा सब डिवीजन में 4051 मुकदमों का निपटारा
उन्होंने बताया कि पानीपत में कुल 26826 मुकदमों को लिया गया था, जिनमें से 22775 मुकदमों को केवल पानीपत में लोक अदालत में पारंपरिक रूप से निपटाया गया। लोक अदालत में निपटान की राशि 4,45,20,552/- रुपए थी। इसके अलावा समालखा सब डिवीजन में 4051 मुकदमों का निपटारा किया गया। कुल मिलाकर पानीपत जिले में 26826 मुकदमों का निपटारा किया गया