हरियाणा के जिला पानीपत के गांव रसलापुर की गोरजा फैक्टरी में तीन दिन पहले तीन कमर्चारियों की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। जिस पर गुस्साए परिजनों ने ग्रामीणों के साथ समालखा स्थित लघु सचिवालय पर रोष जताया। मामले में कार्रवाई नहीं होने पर लोगों ने पुलिस प्रशासन और सनौली थाना एसएचओ के खिलाफ नारेबाजी की। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस और फैक्टरी मालिक के बीच मिलीभगत है। आरोपियों को थाने में बैठाकर चाय पिलाई जा रही है। इस दौरान परिजन एएसपी मयंक मिश्रा से मिलने पहुंचे, एएसपी नहीं मिले।
इसके बाद परिजन और ग्रामीण वापस गांव की ओर गए और स्टेट हाइवे पर जाम लगा दिया। परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन पर मिलीभगत के आरोप जड़े हैं और आरोपियों की जल्द गिरफ्तार करने की मांग पर अड़े हुए हैं। गांव रसलापुर की पूर्व सरपंच शकुरत ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस आरोपियों को बचाना चाहती है। कर्मचारियों की मौत के बाद से ही पुलिस हत्या को हादसे के रूप में दिखाने की कोशिश कर रही है। सिविल अस्पताल के शवगृह के बाहर जब सब परिजन व ग्रामीण आरोपियों पर कार्रवाई की मांग के लिए अड़े हुए थे, तब पुलिस ने वहां से सभी को लाठीचार्ज करने की धमकी देते हुए खदेड़ दिया। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई के झूठे आश्वासन देकर परिजनों को जबरदस्ती शव सौंपे गए।

पुलिस पर टाइम वेस्ट न करने की बात कहने के लगाए आरोप
मृतक कुर्बान के परिजन गय्यूर ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस आरोपियों से सांठ गांठ कर उन्हें थाने में बैठा कर चाय पिला रही है। जब परिजन पुलिस के पास न्याय की गुहार लगाने पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि वह उनका टाइम वेस्ट न करे और यहां से चले जाए। इस दौरान पुलिस ने थाने से वापस नहीं लौटने पर कड़ी कार्रवाई करने की धमकी भी दी है। गय्यूर का आरोप है कि पुलिस मृतक के परिजनों व ग्रामीणों की कोई बात सुनने को तैयार नहीं है। मामले में एकतरफा कार्रवाई करते हुए आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।
परिजनों का आरोप, मारपीट कर दी थी जान से मारने की धमकी
सनौली थाना पुलिस को दी शिकायत में सद्दाम ने बताया था कि वह गांव रसलापुर का रहने वाला है। उसके भाई इस्लाम और कुर्बान गोरजा इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड में ट्रैक्टर चालक के रूप में काम करते थे। फैक्टरी मालिक नवीन, विष्णु और सौरभ के कहने पर केमिकल का गंदा व जहरीला पानी निकालकर नहर में डालते थे। रात 12 बजे तक अपना काम खत्म करके घर वापस लौट जाते थे, लेकिन कई दिनों से फैक्टरी मालिक उनसे ज्यादा काम करवा रहे थे। साथ ही वेतन देने में आनाकानी की जा रही थी। इस बात पर करीब 15 दिन पहले फैक्टरी मालिकों ने अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर मृतकों के साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी थी।
मृतकों के घर नहीं लौटने पर फैक्टरी पहुंचे थे परिजन
कमर्चारी 7 अक्तूबर को भी रोजाना की तरह फैक्टरी में काम करने के लिए गए थे। जब वह रात करीब 12 बजे तक घर वापस नहीं पहुंचे तो परिजनों ने फोन किया। इस दौरान उनका फोन स्विच ऑफ मिला। जब घर वाले उन्हें ढूंढने फैक्टरी पहुंचे तो गार्ड ने बताया कि वह काफी समय पहले जा चुके हैं और गेट नहीं खोला। उन्हें बाद में पता लगा कि उनकी लाशे फैक्टरी के पानी के होद से निकाली गई। जिन्हें रंजिश के चलते फैक्टरी के मालिकों ने मौत के घाट उतार दिया और फिर सबूत मिटाने के लिए सीसीटीवी तोड़ दिए थे।