इसराइल और हमास के बीच छिड़े युद्ध का असर पूरे अंतरराष्ट्रीय बाजार पर देखा जा सकता है। युद्ध के बाद से सोने पर महंगाई का साया नजर आने लगा है। सोने के भाव में 3000 रुपये तक की बढ़त देखी गई है। सोने के दाम 3000 रुपये बढ़त के साथ 56 हजार तक पहुंच गए हैं। वहीं खरीदारों का कहना है कि सोना एक बार फिर लोगों की पहुंच से बाहर होता नजर आ रहा है।
सेल्स एग्जीक्यूटिव प्रिंस शर्मा का कहना है कि 7 अक्तूबर को सोने का भाव 53000 प्रति तोला था, जो आज 56000 प्रति तोला तक पहुंच गया है। कारोबारियों का मानना है कि इसराइल-हमास युद्ध और त्योहारों के सीजन को देखते हुए सोना महंगा होता जा रहा है। इसके दाम अभी और बढ़ाने के कयास लगाए जा रहे हैं। अगर सोने के दाम इसी तरह बढ़ते रहे तो यह आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगा।
युद्ध से अंतरराष्ट्रीय बाजार में हो जात है अस्थिरता का माहौल
महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के सेवानिवृत अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. सुरेंद्र कुमार ने बताया कि जब भी विश्व में किन्हीं देश के बीच युद्ध होता है तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अस्थिरता का माहौल हो जाता है।
खासतौर पर सोने के भाव आसमान छूने लगते हैं। क्योंकि सोना एक विश्वसनीय संपत्ति है। जब युद्ध होता है तो इसकी सप्लाई अस्थिर हो जाती है। जिसके कारण सबसे ज्यादा असर सोने पर देखने को मिलता हैं।
युद्ध का माहौल और त्योहारी सीजन हैं मुख्य कारण
खरीदारों का कहना है की विश्व में हो रहे कई देशों के बीच युद्ध के माहौल में सोना लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके दाम लगातार बढ़ने के कारण यह लोगों की पहुंच से बाहर होता जा रहा है। जिन्हें इस बात को लेकर काफी चिंता है।
ज्वेलरी शोरूम के सेल एग्जीक्यूटिव प्रिंस शर्मा का कहना कि 7 अक्तूबर के बाद सोना लगातार महंगा होता जा रहा है। उन्होंने इसके दो कारण बताए हैं। एक तो हमास और इजराइल का युद्ध और दूसरा त्योहारों का सीजन। जिसके चलते उन्हें छूट भी देनी पड़ रही है। अगर इसी तरह सोने के भाव बढ़ते रहे तो यह आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएगा।