Naveen Jaihind

Rohtak : Naveen Jaihind के घर पर चला bulldozer, Supreme Court का खटखटाएंगे दरवाजा, समर्थकों ने किया कार्यवाही का विरोध

बड़ी ख़बर रोहतक हरियाणा

हरियाणा के जिला रोहतक के सेक्टर 6 स्थित आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद के घर को प्रशासन की ओर से गिरवाने का मामला सामने आया है। पहले प्रशासन की ओर से घर खाली करवा लिया गया था। हाईकोर्ट ने एचएसवीपी के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसके बाद प्रशासन शुक्रवार सुबह पुलिस बल के साथ पहुंचा।

इस दौरान मौके पर पहुंचे प्रशासन व पुलिस बल ने बुलडोजर चलवाकर नवीन जयहिंद के घर की चारदीवारी और निर्माण को ढहा दिया। इस दौरान नवीन जयहिंद और उनके समर्थकों ने इस कार्यवाही का विरोध भी किया। पुलिस ने जबरन बाग को खाली करवाते हुए गिराना शुरू कर दिया। हालांकि नवीन जयहिंद ने पहले कहा था कि वह पेड़ों को किसी भी सूरत में कटने नहीं देंगे।

गौरतलब है कि बाग की जमीन को लेकर हाईकोर्ट में केस चल रहा था। उस केस का फैसला प्रशासन के पक्ष में सुनाया गया था। इसके बाद प्रशासन ने दावा किया था कि सेक्टर-6 में करीब 9 एकड़ जमीन अधिग्रहण की जाएगी। जिसका जयहिंद ने विरोध भी जताया था। उन्होंने कहा था कि सरकार व विभाग की ओर से कोर्ट में गलत तथ्य पेश किए गए हैं, इसलिए वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। नवीन जयहिंद ने बाग की जमीन को लेकर सरकार को घेरने का काम किया था।

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उन्होंने कहा था कि बाग से ही सरकार के खिलाफ जनता की आवाज बुलंद होती है, इसलिए सरकार बाग को खाली करवाने का सरकार प्रयास कर रही है। जयहिंद ने स्पष्ट किया था कि यह जमीन अधिवक्ता राजबीर राठी की है। राजबीर राठी ने कहा कि करीब 1200 किसानों ने सरकार के खिलाफ भूमि अधिग्रहण को लेकर लड़ाई लड़ने का फैसला लिया और इसका जिम्मा सभी ने मिलकर नवीन जयहिंद को सौंपा है।

घर 1

वर्ष 2022 में अधिग्रहण हुई थी सेक्टर 6 क्षेत्र की जमीन

सेक्टर 6 क्षेत्र की जमीन वर्ष 2002 में अधिग्रहण हुई थी। जिसमें नवीन जयहिंद का बाग का एरिया भी शामिल था। उसके बाद 2008 में इस जमीन से हुडा विभाग ने 300 एकड़ जमीन रिलीज कर दी। जिन लोगों ने एक-एक बार मुआवजा उठा लिया था। जमीन को अधिग्रहण समझकर मुआवजा ले लिया था। उनकी करीब 300 एकड़ जमीन वापस कर ली गई, जो खाली थी। वहीं प्रशासन जब इस जमीन पर कब्जा करने आया तो हाईकोर्ट से स्टे मिल गया। इसी आधार पर स्टे मिला था कि उन लोगों की जमीन रिलीज कर दी तो इनकी रिलीज करने में क्या दिक्कत है। वर्ष 2012 में हुडा विभाग ने हाईकोर्ट का स्टे होने के बाद भी प्लाट अलॉट कर दिए। प्लाटधारकों के साथ भी विभाग ने धोखा किया। इसके बाद कोर्ट में केस चल रहा था और फैसला हुडा के पक्ष में आया था।