हरियाणा के फतेहाबाद जिले के टोहाना क्षेत्र में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और प्रशासन लगातार पराली जलाने वाले किसानों पर एक्शन ले रहा है। इसके विपरीत टोहाना क्षेत्र के गांव समैन और नांगली के किसानों ने प्रशासन को खुली चेतावनी दी है कि जब तक उन्हें पराली प्रबंधन के साधन नहीं दिए जाते, वे बिना रोक टोक पराली को जलाएंगे।
पराली जलने का कसूरवार किसान नहीं प्रशासन होगा। यदि प्रशासनिक अधिकारियों ने गांव में इस मामले को लेकर कदम रखा तो वे उन्हें बंधक बनाने को मजबूर होंगे। किसानों ने कहा कि दोनों गांवों के किसानों का यह संयुक्त फैसला है, क्योंकि बिना कोई साधन मिले वे पराली जलाने पर मजबूर हैं।
किसानों ने कई दफा मांगे बेलर
किसानों ने आरोप लगाया कि प्रशासन समैन और नांगली गांवों के किसानों के साथ पक्षपात रहा है। छोटे गांवों में बेलर दे दिए हैं, लेकिन उनके बड़े गांवों में एक बेलर भी नहीं आया। किसानों ने कई दफा बेलर मांगे, लेकिन नहीं दिए गए। इस पर अब किसानों के पास पराली जलाने के अलावा कोई चारा नहीं है।
पराली जलाना उनकी मजबूरी
उन्हें पता है कि इससे प्रदूषण होता है, जमीन जलती है, पेड़ जलते हैं और मित्रकीट भी जलते हैं, लेकिन धान के साथ अब ज्यादा मात्रा में फूस होता है, बिना साधन के उसका प्रबंध किसान नहीं कर पा रहा, इसलिए पराली जलाना उनकी मजबूरी है।उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा बिना सुविधाएं दिए किसानों पर जुर्माना लगाना ठीक नहीं है और यदि प्रशासनिक अधिकारी इस मामले को लेकर उनके गांव में आते हैं तो वे उन्हें बंधक बना लेंगे।