हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में कोविड के नए वैरिएंट जेएन-1 के कोई मामले सामने नहीं आए हैं। उन्होंने इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के केसों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट करने का सुझाव दिया है। विभिन्न राज्यों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हुई है और देशभर में जेएन-1 वैरिएंट के 21 केस पाए गए हैं, जिनमें से 19 केस गोवा में हैं।
अनिल विज ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया और अन्य राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और सचिवों के साथ सुरक्षा के उपायों पर वीडियो कॉन्फ्रेंस में शामिल होकर बताया कि आईएनआई और एसएआरआई केसों में आरटी-पीसीआर टेस्ट अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि कोविड-19 को नोटिफाई बीमारी के रूप में घोषित किया जाना चाहिए, ताकि निजी अस्पतालों को भी इसकी जानकारी मिल सके और सरकारी अस्पतालों को त्वरित प्रतिक्रिया मिले।
इस अवसर पर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के मामलों की निगरानी और रिपोर्टिंग को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा में मॉकड्रिल की जांचें की गईं हैं और ऑक्सीजन के लिए 238 पीएसए प्लांट्स तैयार हैं। विज ने कहा कि यह बीमारी पहले के जैसी है और इसलिए हमें इसके साथ गंभीरता से निपटना चाहिए। उन्होंने पहले से ही इस बीमारी के खिलाफ तैयारी की है और इस पर तैयार रहने का आदान-प्रदान किया है।