अपने खेल से नीरज चौपडा ने देश के हर नागरिक के दिल में अपनी जगह बना ली है। टोक्यो ओलंपिक में जैवलिन थ्रो में नीरज चौपडा ने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतने के बाद अब वर्ल्ड एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल जीत कर इतिहास रच दिया है।
नीरज चौपड़ा के संघर्ष की कहानी

नीरज चौपड़ा ने अपना बचपन गरीबी में काटा है। जेवलिन थ्रो में स्वर्ण जीतने वाले नीरज खेल में अचानक आ गए थे। घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण नीरज ने बडी मुश्किल से जेवलिन थ्रो के लिए भाला खरीदा था। मात्र 7 हजार रुपए के भाले से इन्होंने अपनी प्रैक्टिस शुरु कर दी थी।
जैवलिन थ्रो की तरफ कैसे गया ध्यान ?
नीरज चौपड़ा बचपन से ही काफी हेल्दी थे। इनके पिता और चाचा ने इसी वजह से इन्हें खेल-खेलकर वजन घटाने के लिए कहा। लेकिन उनके गांव मे कोई स्टेडियम नहीं था। ऐसे मे नीरज चौपडा अपने गांव से 16-17 किमी. दूर पानीपत के शिवाजी स्टेडियम में जाने लगे। स्टेडियम मे नीरज ने कई खिलाडियों को खेलते हुए देखा। एक बार स्टेडियम में कुछ बच्चे जैवलिन कर रहे थे तो तभी नीरज उनका खेल देखने उनके पास गए। नीरज को देख वहां के कोच ने उसे बुलाया और कहा कि आओ तुम भी जेवलिन फेंको। नीरज ने जेवलिन फेंका और वह काफी दूर जाकर गिरा। इसे देखकर वहां के कोच ने नीरज को रेगुलर ट्रेनिंग में आने के लिए कहा। कुछ दिनों तक पानीपत में ही उन्होंने अपनी ट्रेनिंग की और उसके बाद वे पंचकुला चले गए, जहां उन्होंने अपनी ट्रेनिंग फिर से शुरु कर दी।
भाला फेंकने को बना लिया अपना लक्ष्य

नीरज चौपडा ने भाला फेंकने को अपना एकमात्र लक्ष्य बना लिया। सन् 2018 में इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए एशियन गेम्स में नीरज चौपडा ने 88.06 मीटर का थ्रो कर गोल्ड जीता था। नीरज चौपडा ऐसे पहले भारतीय थे जिन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता है। साल 2018 में एशियन गोल्ड जीतने के बाद नीरज कंधे की चोट का शिकार हो गए। इसी वजह से उन्होंने खेल से काफी दूरी बनाए रखी। इसके बाद कोरोना माहमारी आने के बाद कई खेलों को रद्द कर दिया गया जिससे वे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने अपना जोरदार प्रदर्शन करते हुए मार्च में पटियाला में आयोजित इंडियन ग्राउंड प्रिक्स में रिकॉर्ड तोडते हुए 88.07 मीटर का थ्रो कर नया नेशनल रिकॉर्ड हासिल किया।
नीरज ने कई उपलब्धियों को हासिल किया
- 2016 में नीरज चौपडा ने भारतीय राष्ट्रीय रिकॉर्ड पर अपना कब्जा जमा लिया। उन्होंने स्वर्ण पदक जीतने के दौरान राजिंदर सिंह से 82.23 मीटर की बराबरी की।
- भारतीय ट्रैक एंड फील्ड एथलीट नीरज चौपडा ने 2016 में स्वर्ण पदक जीतकर भविष्य के ओलंपिक चैंपियन के करियर में एक बडा योगदान दिया।
- नीरज चौपड़ा ने अब तक कई राष्ट्रीय खेलों में भाग लिया है। नीरज का सबसे शानदार थ्रो जकार्ता में हुए एशियाई खेलों में देखने को मिला है। जहां उन्होंने 88.06 मीटर के प्रयास के साथ स्वर्ण पदक जीता। इसी दौरान नीरज चौपड़ा एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय भाला फेंक एथलीट बन गए।

नीरज चौपडा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता और हर किसी के दिल मे अपनी एक अलग छवि बना ली
- 2020 का टोक्यो ओलंपिक जीतने के बाद नीरज चौपडा ने एक बार ओर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कर लिया यानि 2022 में अमेरिका मे विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप मे ऱजत पदक जीत लिया।