देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिया जाएगा। पीएम मोदी ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया है। मोदी ने कहा कि यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव है। चौधरी चरण सिंह को किसानों के हक की आवाज उठाने और उनके लिए कार्य करने के लिए जाना जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया है। एक ही दिन में देश की तीन हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित करने का एलान किया गया है। पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव और हरित क्रांति के जनक एमएस स्वामिनाथन को भारत रत्न मिलेगा। तीनों का भारत के विकास में अहम योगदान रहा है। एमएस स्वामीनाथन को देश में हरित क्रांति का जनक माना जाता है। पिछले दिनों कर्पूरी ठाकुर के साथ ही भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न को देने की घोषणा की है।
यह हमारी सरकार का सौभाग्य
नरेंद्र मोदी ने एक्स पर अपनी पोस्ट में लिखा है कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उन्होंने ये भी लिखा कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी, उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई-बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है।
पीएम मोदी ने नरसिम्हा राव के लिए लिखा कि प्रधानमंत्री के रूप में नरसिम्हा राव गारू का कार्यकाल महत्वपूर्ण उपायों द्वारा चिह्नित किया गया था जिसने भारत को वैश्विक बाजारों के लिए खोल दिया। जिससे आर्थिक विकास के एक नए युग को बढ़ावा मिला। इसके अलावा भारत की विदेश नीति, भाषा और शिक्षा क्षेत्रों में उनका योगदान एक ऐसे नेता के रूप में उनकी बहुमुखी विरासत को रेखांकित करता है। जिन्होंने न केवल महत्वपूर्ण परिवर्तनों के माध्यम से भारत को आगे बढ़ाया बल्कि इसकी सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत को भी समृद्ध किया।
यह बेहद खुशी की बात
पीएम मोदी ने डॉ. एमएस स्वामीनाथन लिखा कि यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार कृषि और किसानों के कल्याण में हमारे देश में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है। उन्होंने चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारत को कृषि में आत्मनिर्भरता हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए। हम एक अन्वेषक और संरक्षक के रूप में और कई छात्रों के बीच सीखने और अनुसंधान को प्रोत्साहित करने वाले उनके अमूल्य काम को भी पहचानते हैं। डॉ. स्वामीनाथन के दूरदर्शी नेतृत्व ने न केवल भारतीय कृषि को बदल दिया है बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और समृद्धि भी सुनिश्चित की है। वह ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें मैं करीब से जानता था और मैं हमेशा उनकी अंतर्दृष्टि और इनपुट को महत्व देता था।
चौधरी चरण सिंह पांच महीने के पीएम
चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 को प्रधानमंत्री बनें। जिसके बाद राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने निर्देश दिया था कि चरण सिंह 20 अगस्त तक लोकसभा में अपना बहुमत साबित करें। इस बीच इंदिरा गांधी ने 19 अगस्त को घोषणा कर दी कि वह चरण सिंह सरकार को संसद में बहुमत साबित करने में साथ नहीं देगी। चरण सिंह ने लोकसभा का सामना किए बिना ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति ने 22 अगस्त 1979 को लोकसभी भंग कर दी। लोकसभा का मध्यावधि चुनाव हुआ। इंदिरा 14 जनवरी 1980 को प्रधानमंत्री बन गई।
मनकोम्बु संबासिवन स्वामीनाथन को मिले प्रमुख अवॉर्डस
1967 में पद्म श्री, 1972 में पद्म भूषण और 1989 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 1965 में स्वामीनाथन को चेकोस्लोवाक एकेडमी ऑफ साइंसेज से मेंडल मेमोरियल मेडल मिला। 1971 में रेमन मैग्सेसे और 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन वर्ल्ड साइंस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। 1987 में वर्ल्ड फूड सेफ्टी अवॉर्ड और 1991 में पर्यावरणीय उपलब्धि के लिए टायलर अवॉर्ड मिला।