Kisan Andolan 2 Live Updates : हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर लगी रोक हटा दी गई है। अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में 11 फरवरी की सुबह से ही इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था। वहीं हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर बैठे किसान संगठनों ने जहां ऐलान किया है कि वह दिल्ली कूच करने या न करने को लेकर 29 फरवरी को फैसला लेंगे।
वहीं इस बीच दिल्ली पुलिस ने हरियाणा-दिल्ली सिंघु और टिकरी बॉर्डर के सर्विस रोड पर लगे बैरिकेड को अस्थाई तौर पर हटा दिया गया है। जिससे औद्योगिक क्षेत्र से निकलने वाले वाहन और दूरदराज से आवागमन करने वाले वाहन चालक अपने गंतव्य तक आसानी से आवाजाही कर सकें। एक तरफ के बैरिकेडस और लोहे के कंटेनर जेसीबी की मदद से हटाए गए हैं।

गौरतलब है कि हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसान 13 फरवरी से अपनी मांगों को लेकर मोर्चा संभाले हुए हैं। किसान दिल्ली जाकर प्रदर्शन करना चाह रहे थे। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने सिंघु और टिकरी बार्डर को भी सील कर दिया था। रास्ता खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई थी। हालांकि किसानों ने 29 फरवरी तक दिल्ली कूच मार्च को स्थगित कर दिया है। इसके बाद दिल्ली पुलिस की ओर से सिंघु और टिकरी बार्डर को अस्थाई तौर पर खोल दिया है। जिससे लोगों और वाहन चालकों को राहत मिल सके।

बता दें कि करीब दो सप्ताह पहले किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए सभी बॉर्डरों को पुलिस ने बैरिकेडस और लोहे के कंटेनर लगाकर सील कर दिया था। साथ ही पत्थर और सीमेंट से मजबूत अवरोध का निर्माण किया गया था। शनिवार देर रात तक पुलिस ने जेसीबी मशीनों से इस अवरोध को तोड़ दिया और डिवाइडर को क्रेन लगा कर हटा दिया। जिससे हरियाणा से दिल्ली की ओर आवागमन करने का रास्ता आंशिक रुप से खुल गया गया।

दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी की मानें तो वाहनों की आवाजाही के लिए ही टिकरी और सिंघु बार्डर की एक-एक सर्विस लेन को खोला गया है। इससे टिकरी और सिंघु बार्डर से दिल्ली आने जाने वालों को काफी राहत मिलेगी। इस सीमा को किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर पुलिस ने 13 फरवरी को सील कर दिया था। जिससे आवाजाही में काफी परेशानी हो रही थी।

वहीं किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य, स्वामीनाथ आयोग रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करने, कृषि ऋण सहित कई अन्य मांगों को लेकर पंजाब से दिल्ली कूच शुरू किया था। हालांकि किसानों को हरियाणा-पंजाब के शंभू और खनौरी बार्डर रोक दिया गया है। फिलहाल किसान दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर हरियाणा-पंजाब बार्डर डटे हैं। उधर टिकरी और सिंघु बार्डर के खुलने से वाहन चालकों सहित आम लोगों को काफी राहत मिली है।

वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि हरियाणा की सीआईडी के 200 से ज्यादा आदमी शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन में घुसे हुए हैं। यह लोग किसान नेताओं को टारगेट बनाने की फिराक में हैं। वह नेताओं का एक्सीडेंट करा सकते हैं या लड़ाई-झगड़ा करके उन पर अटैक भी कर सकते हैं।

वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि 29 फरवरी को बैठक कर आगामी रूपरेखा तैयार की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किसान आंदोलन को लेकर आगामी कार्यक्रम जारी किया है। किसान आंदोलन के दौरान मृतक किसानों की स्मृति में शनिवार को देशभर में किसानों का कैंडल मार्च निकाला।

अब 25 फरवरी को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डब्ल्यूटीओ के विषय में सम्मेलन करके देशभर के किसानों को जागरूक किया जाएगा। 26 फरवरी को देशभर के सभी गांवों में सुबह और शंभू व खनौरी बॉर्डर पर दोपहर 3 बजे डब्ल्यूटीओ के पुतले फूंके जाएंगे। इसके बाद दोनों बॉर्डर पर 27 फरवरी को दोनों फोरम की राष्ट्रीय स्तर की बैठक आयोजित की जाएगी। 28 फरवरी को दोनों फोरम की साझा बैठक आयोजित कर 29 को किसान आंदोलन के लिए फैसला किया जाएगा।

बताया जा रहा है कि आज शंभू बॉर्डर पर फिरोजपुर के किसान गुरजंट सिंह को श्रद्धांजलि दी जाएगी। शनिवार को शंभू बॉर्डर आते समय किसान गुरजंट सिंह की ट्रैक्टर ट्रॉली को राजपुरा के पास ट्रक ने टक्कर मार दी थी। वहीं किसान नेता सरवन सिंह पंधेर खनौरी बॉर्डर पर घायल हुए किसान प्रीतपाल का हाल जानने के लिए रविवार सुबह चंडीगढ़ पीजीआई पहुंचे हैं। बता दें कि प्रीतपाल को एक दिन पहले ही रोहतक पीजीआई से चंडीगढ़ पीजीआई रेफर किया गया था।

उधर खनौरी बॉर्डर पर बठिंडा के युवा किसान शुभकरण की मौत के बाद उनके शव का अब तक अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। युवा किसान शुभकरण की याद में शनिवार रात खनौरी बॉर्डर पर कैंडल मार्च निकाला गया। पंजाब सरकार ने उसके परिवार को 1 करोड़ मुआवजा और बहन को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। वहीं किसान संगठनों और परिवार की मांग है कि पंजाब पुलिस पहले शुभकरण की मौत के मामले में हत्या का मुकदमा दर्ज करे।