चार जगहों से टूटी घग्गर ने मचाया तबाही का मंजर, 49 गांवों में बाढ़ का खतरा

सिरसा

प्रदेशभर में नदियां अपने ऊफान पर है। चारों तरफ तबाही का मंजर मचा हुआ है। आए दिन लोगों के मन में खौफ बढ़ता जा रहा है। जिले में घग्गर नदी में 54 हजार क्यूसेक तक पानी पहुंच रहा है। चार जगहों से घग्गर नदी के तटबंध टूट चुके हैं। इससे जिले के 49 गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। 24 गांवों के साथ घग्गर का पानी लग चुका है। बाढ़ के खौफ से लोग अपने गांवों से पलायन का रहे हैं।

49 गांवों में 24 घंटे निगरानी करेंगे अधिकारी 

जिला प्रशासन ने घग्गर नदी के जलस्तर पर 24 घंटे लगातार निगरानी के लिए सिंचाई, पुलिस, शिक्षा, वन और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। संबंधित गांवों के सरपंच और ग्रामीण भी अधिकारियों का सहयोग करेंगे।

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आठ हजार एकड़ फसलों को नुकसान
घग्गर नदी का मुख्य तटबंध टूटने के कारण अब तक करीब आठ हजार एकड़ फसल में जलभराव हो गया है। घग्गर नदी के बीच में बोई फसल पूरी तरह से चोपट हो चुकी है। मीरपुर से लेकर ओटू हेड तक करीब 10 गांवों की फसल में पांच से छह फुट तक पानी भरा हुआ है।

प्रदेशभर के 1878 गांव बाढ़ ग्रस्त

कैथल, पानीपत, फतेहाबाद, करनाल समेत कई जिलों में बाढ़ के बाद जींद जिला प्रशासन में हाई अलर्ट मोड पर आ गया है। जिले से गुजरने वाली सभी नहरों पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों को 24 घंटे गश्त के आदेश दिए हैं और वहीं जिन क्षेत्र के लिए बाढ़ से निपटने का साजो-सामान नहीं है, उनके लिए मुख्यालय से किश्ती, लाइफ जैकेट समेत दूसरे संसाधनों की डिमांड भी की गई है।

प्रशासन का दावा है कि 24 घंटे में 150 एमएम बारिश होने की सूरत में भी जलभराव नहीं होने दिया जाएगा। जींद के डीसी डॉ. मनोज कुमार ने भी संवेदनशील और बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों का दौरा किया है। संबंधित ब्लॉक के एसडीएम भी हालातों पर नजर रखे हुए हैं।

बाढ़ के पानी के बाद डेंगू और मलेरिया बना लोगों की नई परेशानी

सड़कों पर जमा बाढ़ के पानी ने स्वास्थ्य विभाग के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। यमुनानगर में स्वास्थय विभाग की टीम ने जायजा लेने के बाद कहा कि बारिश के बाद अब डेंगू और मलेरिया का खतरा बढ़ गया है।

जुलाई को एंटी डेंगू माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस बार जमकर हुई वर्षा से आई बाढ़ ने स्वास्थ्य विभाग के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है। बाढ़ के जमा पानी में डेंगू और मलेरिया का लार्वा तेजी से पनपने की संभावना रहती है।