PRIEM MINISTER नरेन्द्र मोदी ने कहा कि India आज वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का बहुत बड़ा हितधारक बन गया है और देश का ये बढ़ता सामर्थ्य हमारी आर्थिक वृद्धि का आधार है जो उसे तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगा।
तूतीकोरिन अंतरराष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद PM ने अपने संबोधन में यह बात कही।
उन्होंने कहा, ‘‘आज विकसित भारत की यात्रा का एक अहम पड़ाव है। ये नया तूतीकोरिन अंतरराष्ट्रीय कंटेनर टर्मिनल भारत के मरीन इंफ्रास्ट्रक्चर का नया सितारा है। इस नए टर्मिनल से वी ओ चिदंबरनार बंदरगाह के सामर्थ्य में भी विस्तार होगा।’’
उन्होंने कहा कि नया टर्मिनल इस बंदरगाह की क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा और इससे इस बंदरगाह पर परिवहन में होने खर्च में भी कमी आएगी तथा भारत की विदेशी मुद्रा भी बचेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘India आज वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का भी बहुत बड़ा हितधारक बन रहा है। देश का ये बढ़ता सामर्थ्य हमारी आर्थिक वृद्धि का आधार है। यही सामर्थ्य India को तेजी से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएगा।’’
PM Modi ने दो साल पहले इस बंदरगाह से जुड़ी कई परियोजनाओं की शुरुआत की थी और उन्हे इस नए बने टर्मिनल पर 40 प्रतिशत कर्मचारी महिलाएं होंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यानि ये टर्मिनल, समुद्री क्षेत्र में महिला-नीत विकास का भी प्रतीक बनेगा।’’
PM Modi ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के विकास में तमिलनाडु के समुद्र तटों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और यहां के बंदरगाह अवसंरचना में तीन प्रमुख बंदरगाहों और 17 अन्य बंदरगाह शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी सामर्थ्य की वजह से आज तमिलनाडु समुद्री व्यापार नेटवर्क का बहुत बड़ा हब है। हम बंदरगाह-नीत विकास के मिशन को गति देने के लिए आउटर हार्बर कंटेनर टर्मिनल का विकास कर रहे हैं और इस पर 7,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया जा रहा है।’’
PM ने कहा कि सरकार वी ओ सी बंदरगाह की क्षमता को भी लगातार बढ़ा रही है और यह देश के सामुद्रिक विकास का एक नया अध्याय लिखने के लिए तैयार हो रहा है।
उन्होंने कहा कि आज India का समुद्र मिशन सिर्फ अवसंरचना विकास तक ही सीमित नहीं है और India आज दुनिया को टिकाऊ और दूरगामी सोच वाले विकास का रास्ता दिखा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इस बंदरगाह को हरित हाइड्रोजन केंद्र और अपतट पवन के लिए नोडल बंदरगाह के रूप में जाना जाता है। आज दुनिया जलवायु परिवर्तन की जिन चुनौतियों से जूझ रही है, उससे निपटने में हमारी ये पहल बहुत कारगर साबित होगी।’’