हरियाणा के Panipat जिले में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रदूषण की वजह से स्कूलों को बंद किया गया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन ने अब तंदूर पर भी बैन लगा दिया है।
पानीपत के डीसी विरेंद्र सिंह ने आदेश जारी किए हैं कि ग्रैप 4 के नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।
ग्रैप 4 को किया गया है लागू
जिला प्रशासन ने पानीपत में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण में पहुंचने पर इसकी पाबंदियां प्रभावी कर दी हैं। इसके साथ वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आम नागरिक सिटीजन चार्टर लागू किया है। इसमें स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिगत जरूरी सावधानी बरतनी आवश्यक बताई है। इसके साथ प्रशासन ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में आमजन के से सहयोग की अपील की है।
वायु प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर
उपायुक्त डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि नागरिक वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक होने के कारण जरूरी कार्य होने पर ही घर से बाहर आवागमन करें। अस्थमा के रोगी दवा को अपनी पहुंच में रखें। यदि कफ, सांस फूलने व बेहोशी जैसी समस्या आती है तो चिकित्सकों के परामर्श अनुरूप दवा लें। स्वस्थ लोगों को अचानक बेहोशी जैसी समस्या आती है तो अलर्ट रहें और मास्क लगाकर ही बाहर निकलें।
एक्यूआई का स्तर 400 पार
उपायुक्त ने बताया कि एनसीआर की हवा इस समय खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। हवा के बिगड़े कारण की वजह से एक्यूआई का स्तर 400 को पार कर गया है, जो कि वन्य जीवों के लिए बहुत ही खतरनाक है। प्रशासन की ओर से जिला की राजस्व सीमा में ग्रेप वन से लेकर ग्रैप चार की वर्णित पाबंदियां प्रभावी हैं। नागरिकों को आह्वान है कि ऐसा कोई कार्य न करें जिससे वायुमंडल में धूल व धुआं पंहुचे।
नागरिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का उपयोग करें- डीसी
वायु प्रदूषण फैलाने का कार्य कोई करता है, उसकी शिकायत 311 एप व समीर एप कर सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि नागरिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का उपयोग करें। वाहनों के टायरों में हवा पूरी रखें। वाहनों का प्रदूषण अंडर कंट्रोल चेक करवाते रहें। पुराने डीजल वाहनों को न चलाएं। कूड़ा कर्कट में आग न लगाएं। किसी भी प्रकार का भवन निर्माण कार्य न करें। उन्होंने बताया कि जरूरी सामान ले जाने वाले और जरूरी सेवाओं वाले ट्रकों को राहत दी गई है। साथ ही, बीएस-6 डीजल और सीएनजी व एलएनजी चलित ट्रक चल सकते हैं।