Kaithal में रविवार को महाराज शूर सैनी जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बड़ा विवाद हो गया। मंच पर चढ़ने को लेकर सैनी समाज के नेता और पूर्व जेजेपी प्रत्याशी पालाराम को रोका गया, जिसके बाद मामला गरमा गया।
पालाराम ने आरोप लगाया कि उन्हें और समाज के कई प्रमुख व्यक्तियों को कार्यक्रम के मंच पर चढ़ने से रोका गया। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल अपमानजनक था, बल्कि इससे उनका मनोबल बुरी तरह टूट गया है। घटना के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पालाराम ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “इस अपमान ने मुझे गहरे डिप्रेशन में डाल दिया है। यदि मैं सुसाइड जैसा कोई कदम उठाता हूं, तो इसके लिए जवाहर सैनी, रिंकी सैनी, जग्गा सैनी और विजय दहिया जिम्मेदार होंगे।”
समाज में तनाव:
यह घटना सैनी समाज में आंतरिक तनाव का कारण बन गई है। कार्यक्रम में मौजूद लोग भी दो गुटों में बंटे नजर आए। जहां कुछ ने पालाराम का समर्थन किया, वहीं कुछ ने मंच संचालन को लेकर आयोजकों का पक्ष लिया।
आयोजकों का पक्ष:
आयोजकों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार किया है, लेकिन बताया जा रहा है कि मंच पर अधिक संख्या में लोगों की उपस्थिति को लेकर व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया।
प्रशासन की भूमिका:
प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लिया है और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए आयोजकों और संबंधित पक्षों से बातचीत शुरू कर दी है।
हिसाब की मांग:
सैनी समाज के युवाओं ने कहा कि इस कार्यक्रम पर खर्च हुए पैसे का हिसाब लिया जाएगा। जिन गांवों से चंदा इकट्ठा किया गया, वहां पंचायत बुलाकर निर्णय लिया जाएगा।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान:
पालाराम ने कहा, “कुछ जयचंदों ने प्रोग्राम को बेच दिया।” सैनी समाज के युवा बोले, “इस तरह का अपमान पूरे समाज के लिए निंदनीय है।” सैनी समाज ने चेतावनी दी है कि वे इस घटना को लेकर सार्वजनिक चर्चा करेंगे और जरूरत पड़ी तो कानून का सहारा भी लिया जाएगा।
यह घटना समाज के भीतर एकजुटता और पारदर्शिता की कमी को उजागर करती है। ऐसे आयोजनों का उद्देश्य समाज के उत्थान के लिए होना चाहिए, न कि राजनीति और व्यक्तिगत हितों का साधन।