सहकारिता, कारागार, विरासत व पर्यटन मंत्री Dr. Arvind Sharma ने गांव भैंसवाल कलां में प्रख्यात लोक गायक मास्टर सतबीर सिंह की समाधि पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। यहां उन्होंने उनके जीवन, कार्य और समाज के प्रति योगदान पर प्रकाश डाला।
बीती देर शाम गांव में पहुंचे डॉ अरविंद शर्मा ने कहा, “मास्टर सतबीर सिंह ने हमेशा हरियाणवीं संस्कृति और लोक कला को संजोने का काम किया। उनका जीवन हरियाणवीं कला, संस्कृति और युवाओं के बीच आपसी भाईचारे को बढ़ावा देने के प्रति समर्पित रहा। उन्होंने न केवल लोक गायक के रूप में बल्कि शिक्षक और कुश्ती प्रशिक्षक के तौर पर भी समाज को महत्वपूर्ण दिशा दी।”
समाज में मास्टर सतबीर सिंह की विरासत
डॉ शर्मा ने कहा, “मास्टर सतबीर सिंह का जीवन युवाओं को सकारात्मक दृष्टिकोण में मार्गदर्शन करने और हरियाणवीं संस्कृति को संजोने का एक बेहतरीन उदाहरण है। हमें उनकी विरासत को सहेजने और समाज में उसके महत्व को समझने की जरूरत है।” उन्होंने इस दौरान गांव भैंसवाल कलां में ग्रामीणों के साथ मास्टर सतबीर सिंह के योगदान पर भी चर्चा की और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
युवा पीढ़ी को प्रेरित करने की आवश्यकता
डॉ अरविंद शर्मा ने कहा, “हरियाणवीं संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए मास्टर सतबीर सिंह के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके विचार हमेशा समाज की भलाई, भाईचारे और युवा पीढ़ी को सही मार्ग दिखाने के महत्व को उजागर करते हैं।” इस दौरान डॉ शर्मा ने अपने पुराने सहयोगी नन्हा बाल्मीकि की पुत्री के निधन पर भी शोक व्यक्त किया।
मास्टर सतबीर सिंह की विरासत को संजोने की जरूरत
इस अवसर पर डॉ शर्मा ने युवाओं को प्रेरित किया कि वे मास्टर सतबीर सिंह के आदर्शों को फॉलो करें और हरियाणवीं संस्कृति को संजोने के लिए अपने योगदान दें। उनका जीवन हर किसी के लिए एक प्रेरणा है जो समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझता है।