देश का सबसे स्वच्छ शहर, अब अपनी साख को और ऊपर उठाने के लिए एक नई पहल पर काम कर रहा है। शहर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए एक सघन अभियान शुरू किया गया है, जिसमें भीख मांगने वालों को पकड़कर आश्रय स्थलों में भेजा जा रहा है। लेकिन अब ये अभियान और भी सख्त होता जा रहा है, और इस पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि “दिसंबर के अंत तक हम भिखारी के खिलाफ सघन कार्रवाई शुरू करेंगे। यदि कोई व्यक्ति भीख देते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उसे गिरफ्तार किया जाएगा।”
भिक्षुकों को प्रशिक्षण और रोजगार
जिला प्रशासन द्वारा भिक्षुकों को उज्जैन स्थित सेवा धाम आश्रम भेजा गया है। योग्य भिखारी को स्वरोजगार की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। इस अभियान के तहत हाल ही में एक महिला के पास 75,000 रुपये मिले थे, जबकि इससे पहले एक अन्य भिखारी के पास 1 लाख से अधिक की राशि मिली थी। इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि कुछ भिखारी इसे रोजगार बना चुके हैं और शहर में आदतन मांगने के लिए आते हैं।
चौराहों पर भीख मांगते भिखारी
हर साल बड़े पैमाने पर पड़ोसी राज्यों से भिखारी इंदौर के चौराहों और सड़कों पर आते हैं, और यहां वाहन चालकों से भीख मांगते हैं। हालांकि, कार्रवाई होने पर ये अपना क्षेत्र बदल लेते हैं। लेकिन अब 1 जनवरी से यदि कोई भीख देते पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इंदौर का यह कदम शहर को भिक्षुक मुक्त करने और इसे एक आदर्श उदाहरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।