Haryana की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने राज्यभर में भू-जल कमी वाले प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम पांच जलाशयों के विकास की महत्वाकांक्षी पहल की घोषणा की है। इस पहल का उद्देश्य बारिश के पानी का प्रभावी ढंग से संरक्षण करना और पानी की कमी की बढ़ती संभावना के मद्देनजर पानी की उपलब्धता की चुनौतियों का समाधान करना है।
श्रुति चौधरी ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का प्रस्ताव रखा, जिसमें प्रशासनिक सचिवों और विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों को शामिल किया गया। बैठक का प्राथमिक उद्देश्य जलाशयों के निर्माण के लिए प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम एक हेक्टेयर पंचायत भूमि की पहचान करना और इस प्रयास को समन्वित तरीके से लागू करना है।
मानसून जल उपयोग के लिए तकनीकी योजना का प्रस्ताव
हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री ने मानसून के मौसम में प्रमुख नदियों जैसे मारकंडा, टांगरी, घग्गर और यमुना से अतिरिक्त जल का दोहन और संरक्षण करने के लिए एक तकनीकी रूप से व्यवहार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। मंत्री ने सतत विकास और कृषि की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस जल का उपयोग सुनिश्चित करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उनका कहना है कि मानसून के दौरान इन नदियों से प्राप्त जल का सही तरीके से प्रबंधन किया जाए, ताकि जल की उपलब्धता बढ़ाई जा सके और आने वाले समय में जल संकट को रोका जा सके।
सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने राज्य में सभी चैनलों का निरीक्षण करने और पुनर्वास की आवश्यकता वाले चैनलों को प्राथमिकता देने के लिए फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि सिंचाई नेटवर्क के अंतिम छोर तक प्रभावी सेवा वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक दो वर्षीय चरणबद्ध कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए।
चौधरी ने सिंचाई मंत्री की प्रमुख पहलों को समर्थन देने के लिए राज्य के नियमित बजट के अलावा नाबार्ड, विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) जैसी संस्थाओं से वित्तीय सहायता प्राप्त करने की संभावनाओं की तलाश करने का भी आग्रह किया। इस बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।