Sonipat के सिसाना गांव में ग्रामीण लंबे समय से तालाब के गंदे पानी को लेकर उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार से शिकायत कर रहे थे। तालाब का पानी ओवरफ्लो होने के कारण गांव की गलियों में गंदा पानी भर गया था, लेकिन जब उपायुक्त ने इस मामले की जांच की तो एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
अवैध रूप से बह रहा पानी
उपायुक्त जब तालाब का निरीक्षण कर रहे थे, तो गांव की गलियों में महिलाएं भैंसों को नहलाती हुई दिखाई दीं। साथ ही, सबमर्सिबल ट्यूबवेल चल रहा था, और हजारों लीटर पानी बेकार बहकर उसी गंदे तालाब में जा रहा था। उपायुक्त ने जब इसकी जांच की, तो पाया कि सबमर्सिबल अवैध तरीके से चलाया जा रहा था, और बिजली का मीटर भी घर के अंदर लगा हुआ था। इसके बाद उन्होंने मकान मालिक से पिछले पांच महीने का बिजली बिल चेक करवाने और कार्रवाई के निर्देश दिए।
तालाब की समस्या का समाधान
उपायुक्त ने तालाब के गंदे पानी को तुरंत निकालने के लिए स्थाई समाधान सुझाया। उन्होंने तालाब से पानी निकालने के लिए एक बिजली पंप और सोलर पंप लगाने के निर्देश दिए और तालाब के चारों ओर के अवैध कब्जे हटाने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि यह तालाब गांव की बड़ी समस्या बन चुका है, और इसके पीछे ग्रामीण ही जिम्मेदार हैं।
महाग्राम योजना में शामिल करने का प्रस्ताव
गांव की बदहाल स्थिति को देखते हुए उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव सिसाना को महाग्राम योजना में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए, ताकि यहां बुनियादी सुविधाएं जुटाई जा सकें। इसके अलावा, पानी की बर्बादी रोकने के लिए घरों में पानी के कनेक्शन लगाए जाएंगे।
समाधान शिविर का निरीक्षण
इस दौरान उपायुक्त ने खरखोदा उपमंडल कार्यालय में समाधान शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से शिकायतों के समाधान का स्टेटस लिया और खस्ता हाल सड़कों तथा पानी निकासी व्यवस्था को सुधारने के आदेश दिए।