Surajkund Fair in Faridabad: Confluence of traditional arts and handicrafts, participation of artists from 42 countries Surajkund Fair in Faridabad: Confluence of traditional arts and handicrafts, participation of artists from 42 countries

Faridabad में सूरजकुंड मेला: पारंपरिक कला और हस्तशिल्प का संगम, 42 देशों के कलाकारों की भागीदारी

हरियाणा फरीदाबाद

हरियाणा के Faridabad में आज से 38वां इंटरनेशनल सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला शुरू हो गया। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र शेखावत और सीएम नायब सैनी ने मेले का उद्घाटन किया। इस साल के मेले में कुल 42 देशों के 648 कलाकार हिस्सा ले रहे हैं। इनमें मिस्र, इथियोपिया, सीरिया, अफगानिस्तान, बेलारूस, और म्यांमार समेत अन्य देशों के हस्तशिल्पी भी शामिल हैं।

इस बार के मेले में ओडिशा और मध्यप्रदेश की स्टेट थीम रखी गई है। मेले में खासतौर पर तीन विशेष पवेलियन बनाए गए हैं, जिनमें गोवा और ओडिशा के पवेलियन प्रमुख आकर्षण बनकर उभरे हैं। मेले का आयोजन 23 फरवरी तक चलेगा।

मेला स्थल पर विभिन्न प्रकार के स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें एक स्टॉल जेल विभाग द्वारा भी लगाया गया है, जहां पर कैदियों के हाथ से बनाई गई वस्तुएं बिक रही हैं। इसके अलावा, आर्मेनिया से एक महिला भी आई हैं, जो पत्थर से बने छोटे-छोटे लॉकेट बेच रही हैं। इन लॉकेट्स को देखने और खरीदने के लिए मेले में आने वाले लोग काफी उत्साहित हैं।

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज शुक्रवार को 38वां सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला का शुभारंभ किया। यह मेला आज से शुरू हो गया है और 23 फरवरी तक चलेगा। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मेले के उद्घाटन पर कहा, “सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के दर्शन कराता है। अब यह मेला अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में तब्दील हो चुका है और बिम्स देशों के कलाकार भी इसमें भाग ले रहे हैं।” उन्होंने श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार जैसे देशों की कलात्मकता का उल्लेख किया और कहा कि यह मेला शिल्पकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है।

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केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मेला की सराहना करते हुए कहा, “सूरजकुंड मेला शिल्पकारों और कलाकारों का संगम है। इस मेले में हमारे देश के हुनरमंद शिल्पकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का मंच मिलता है, और यह मेला एकता और विविधता का प्रतीक है।”

हरियाणा के पर्यटन मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा और बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा ने भी मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ओडिशा के पवेलियन में पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय शिल्पकारों के काम को देखा।

इस बार, मेले का थीम स्टेट ओडिशा और मध्य प्रदेश है, जिनकी शिल्प और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन होगा। मेले में कुल 42 देशों के 648 शिल्पकार शामिल हैं।

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दिल्ली मेट्रो एप पर मिलेगा मेला टिकट
मेला टिकट अब दिल्ली मेट्रो के मोबाइल एप “मोमेंटम दिल्ली सारथी 2.0” पर भी उपलब्ध है। इसके अलावा, सभी मेट्रो स्टेशनों पर भी मेले के टिकट मिल रहे हैं।

सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध
हरियाणा पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव कला रामचंद्रन ने बताया कि मेले की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी से निगरानी रखी जाएगी और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह मेला कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक बड़ा बाजार बन चुका है, जो उनके रोजगार को सशक्त करता है।

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परंपरागत शिल्प कौशल का लाइव प्रदर्शन
इस साल मेले में शिल्पी अपने पारंपरिक शिल्प कौशल का लाइव प्रदर्शन करेंगे, जिससे पर्यटक उनकी मेहनत और कला को करीब से देख सकेंगे।

इस मेला का उद्देश्य न केवल भारतीय कला को प्रमोट करना है, बल्कि महिला उद्यमिता को भी बढ़ावा देना है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बल मिलता है।

सूरजकुंड मेला अब दुनिया का सबसे बड़ा शिल्प मेला बन चुका है, जो देश और दुनिया की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

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