➤उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद उनके दफ्तर व आवास को सील किए जाने की अफवाहें सामने आईं।
➤सरकार ने PIB Fact Check के माध्यम से इन दावों को पूरी तरह फर्जी करार दिया।
➤विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे को असामान्य बताया और सरकार पर राजनीतिक दबाव डालने का आरोप लगाया।
भारत के उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। इसी बीच सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से वायरल हुई कि उपराष्ट्रपति का दफ्तर सील कर दिया गया है और पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को तुरंत आवास खाली करने का आदेश दिया गया है। इस खबर के वायरल होते ही लोगों में भ्रम और आशंका का माहौल बन गया।
हालांकि केंद्र सरकार ने इन दावों पर तत्काल प्रतिक्रिया दी है। PIB Fact Check ने स्पष्ट किया कि ये सभी खबरें पूरी तरह से फर्जी और बेबुनियाद हैं। PIB ने कहा, “सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि उपराष्ट्रपति के आधिकारिक दफ्तर को सील कर दिया गया है और पूर्व उपराष्ट्रपति को तुरंत आवास खाली करने को कहा गया है — ये दावे गलत और भ्रामक हैं।” उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी खबर को साझा करने से पहले उसकी आधिकारिक पुष्टि अवश्य करें।
PIB (Press Information Bureau) भारत सरकार की एक प्रमुख सूचना एजेंसी है, जो सरकार की योजनाओं, नीतियों और गतिविधियों की जानकारी देती है। PIB Fact Check विभाग सोशल मीडिया पर वायरल होने वाली फेक न्यूज़ की पहचान करता है और उसकी सच्चाई उजागर करता है। नागरिक pibfactcheck@gmail.com पर या WhatsApp नंबर 918799711259 पर संदिग्ध खबरें भेजकर सच्चाई की जांच कर सकते हैं।
इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में जगदीप धनखड़ का इस्तीफा है, जिसे उन्होंने 21 जुलाई की रात राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंपा। अपने इस्तीफे में उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(ए) का हवाला देते हुए खराब स्वास्थ्य और चिकित्सा सलाह को कारण बताया है।
हालांकि विपक्ष इस तर्क को मानने को तैयार नहीं है। विपक्षी दलों का कहना है कि इस्तीफा स्वेच्छा से नहीं, बल्कि दबाव में लिया गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उपराष्ट्रपति ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सामान्य रूप से कार्यवाही में भाग लिया, विपक्षी सांसदों से मुलाकात की, तो उसी शाम इस्तीफा देने का क्या कारण हो सकता है?
विपक्ष का तर्क है कि धनखड़ और मोदी सरकार के बीच संबंध अब सामान्य नहीं रह गए थे, और यह इस्तीफा उसी राजनीतिक तनाव का नतीजा है।
अब यह चर्चा जोरों पर है कि भारत का अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा। हालांकि अभी कोई औपचारिक नाम सामने नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में संभावित चेहरों को लेकर चर्चा गर्म है।