हरियाणा में प्रशासनिक इतिहास में पहली बार एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राज्य सरकार ने किसी HCS (हरियाणा सिविल सेवा) अधिकारी को विधानसभा का सचिव नियुक्त किया है, जो अब तक परंपरागत रूप से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों को ही सौंपा जाता रहा है। यह निर्णय न केवल संवैधानिक पदों की नियुक्तियों में विविधता लाने की दिशा में एक नया कदम है, बल्कि इससे HCS अधिकारियों के मनोबल को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इस निर्णय को लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। आमतौर पर विधानसभा सचिव का पद एक अत्यंत महत्वपूर्ण और गरिमापूर्ण संवैधानिक जिम्मेदारी होती है, जिसमें सदन की कार्यवाही, प्रशासनिक समन्वय और विधायी प्रक्रियाओं का संचालन शामिल होता है। ऐसे में HCS अधिकारी की नियुक्ति को एक नए भरोसे और क्षमता की मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।
हरियाणा विधानसभा सचिव पद पर पहली बार HCS अधिकारी की नियुक्ति
हरियाणा में प्रशासनिक इतिहास में पहली बार एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। राज्य सरकार ने किसी HCS (हरियाणा सिविल सेवा) अधिकारी को विधानसभा का सचिव नियुक्त किया है, जो अब तक परंपरागत रूप से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारियों को ही सौंपा जाता रहा है। यह निर्णय न केवल संवैधानिक पदों की नियुक्तियों में विविधता लाने की दिशा में एक नया कदम है, बल्कि इससे HCS अधिकारियों के मनोबल को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।