प्राईवेट गाड़ियों में भेड़-बकरियों की तरह भरे जा रहे स्कूली बच्चे, नियमों का हो रहा उल्लंघन

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प्रदेश के हर जिले में प्राइवेट गाड़ियों में भेड़ बकरियों की तरह स्कूली बच्चे भरकर यह गाड़ियां सरेआम सभी नियम कानून को तोड़कर चल रही है, लेकिन बच्चों की सुरक्षा के ऊपर न तो मां-बाप का ध्यान है और न ही प्रशासन इन पर अंकुश लगा पा रहा है।

रोड ट्रांसपोर्ट डिपार्मेंट के अधिकारी सिर्फ दफ्तरों तक ही सीमित रहते हैं, जबकि पुलिस गाहे-बगाहे इन्हें रोक कर चालान करती रहती है, लेकिन यह टैक्सी वाले फिर भी बाज नहीं आते। इसी मुद्दे को लेकर बल्लभगढ़ के सैक्टर 3 और सैक्टर 8 की डिवाइडिंग रोड पर पुलिस ने जरूरत से ज्यादा बच्चे बैठने पर चालान काटे और चेतावनी दी।

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प्राइवेट गाड़ियों की कंडीशन भी खस्ता

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सेक्टर 3 और सेक्टर 8 की डिवाइडिंग रोड पर शुक्रवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। जहां थाना अध्यक्ष की निगरानी में स्कूली बच्चों से भरी गाड़ियों को रोककर चालान किए जा रहे थे, लेकिन चालान के बावजूद यह गाड़ियां हर रोज बददस्तूर इसी तरह ही चलती रहती हैं और बच्चों का जीवन खतरे में पड़ा रहता है। दरअसल इन प्राइवेट गाड़ियों की कंडीशन भी खस्ता होती है और ऊपर से गैस सिलेंडर तक लगे होते हैं। इसके बावजूद इन गाड़ियों में दर्जनभर से ज्यादा बच्चे भेड़ बकरियों की तरह ठूंसकर बिठाए जाते हैं।

एक्सीडेंट होने का भी डर बना रहता है

आरटीओ विभाग द्वारा इन टैक्सी चालकों पर कभी कार्रवाई होती नहीं देखी गई, जबकि पुलिस कभी कभार पर कार्रवाई करते हुए चालान जरूर काटती है, लेकिन इस कार्रवाई का बहुत ज्यादा असर इन टैक्सी वालों पर नहीं पड़ता। सब-इंस्पेक्टर विजेंद्र कुमार ने बताया कि यह कार्रवाई नियमित रूप से डेली की जाती है, यह सभी ईको टैक्सी ड्राइवर स्कूली बच्चों को ईको में जरूरत से ज्यादा बिठाकर ले जाते हैं। जिससे एक्सीडेंट होने का भी डर बना रहता है।

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यातायात नियम अनुसार गलत सफेद नंबर प्लेट

वही इन सभी गाड़ियों पर नंबर प्लेट भी टैक्सी वाले नहीं होते और यह सभी लोग सफेद नंबर प्लेट गाड़ी को कमर्शियल में इस्तेमाल करते हैं, जो कि यातायात नियम अनुसार गलत है। इसी को देखते हुए इन पर यातायात नियमानुसार कार्यवाही की जाती है तथा जिन ड्राइवर के पास गाड़ी के कागज पूरे नहीं होते उन्हें इंपाउंड भी किया जाता है।

सिर्फ चालान करने से नहीं लगाया जा सकता अंकुश

सब इंस्पेक्टर ने कहा कि दरअसल अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर सबसे पहले मां बाप को जागरूक होना पड़ेगा, जो चंद पैसे बचाने के चक्कर में अपने नौनिहालों को हर रोज खतरे में डालते हैं। वही जानकारों का कहना है कि सिर्फ चालान करने से अंकुश नहीं लगाया जा सकता, बल्कि पुलिस ऐसे वाहनों को जप्त करें, तभी जाकर कहीं न कहीं ऐसे वाहनों पर अंकुश लग पाएगा।