हरियाणा की पानीपत रिफाइनरी को सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने पानीपत रिफाइनरी के विस्तार की लागत का अनुमान 10 प्रतिशत बढ़ाकर 36,225 करोड़ रुपये कर दिया है। इसके साथ ही परियोजना पूरी होने की समयसीमा भी एक साल बढ़ाकर दिसंबर, 2025 कर दी गई है।
आईओसी ने शेयर बाजार को दी गई सूचना में कहा है कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने पानीपत रिफाइनरी की क्षमता विस्तार के लिए परियोजना लागत को 32,946 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 36,225 करोड़ कर दिया है। इसके अलावा, परियोजना के पूरा होने का कार्यक्रम सितंबर 2024 से बढ़ाकर दिसंबर 2025 तक करने को मंजूरी दे दी गई है।
पॉलीप्रोपपीलिन का यहां होगा इस्तेमाल
कच्चे तेल को पेट्रोल, डीजल और एटीएफ जैसे ईंधन में बदलने की क्षमता का विस्तार करने के अलावा आईओसी एक पॉलीप्रोपीलिन इकाई और एक कैटेलिटिक डीवैक्सिंग इकाई भी लगा रही है। पॉलीप्रोपपीलिन का इस्तेमाल वाहन और कपड़ा उद्योग सहित विभिन्न उद्योगों के लिए पैकेजिंग और प्लास्टिक भाग बनाने में किया जाता है। वहीं कैटेलिटिक डीवैक्सिंग का उपयोग बेस ऑयल उत्पादन में किया जाता है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पास देश की लगभग दो दर्जन रिफाइनरियों में से नौ का मालिकाना हक है। इसकी कुल शोधन क्षमता 7.01 करोड़ टन प्रति वर्ष है। इसकी शोधन क्षमता को वर्ष 2026 तक बढ़ाकर 8.79 करोड़ टन करने की योजना है।