Haryana में पानीपत जिले के समालखा कस्बे के चुलकाना गांव में स्थित एक शराब फैक्ट्री के खिलाफ राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के आरोप में कार्रवाई की है। फैक्ट्री पर कुल 60 लाख रुपये का पर्यावरण मुआवजा लगाया गया है, जिसमें अनियंत्रित अपशिष्ट डालने और किसानों के खेतों को नुकसान पहुंचाने के आरोप शामिल हैं।
फैक्ट्री ने 6 अगस्त को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) को अंतरिम पर्यावरण मुआवजे के तहत 27 लाख रुपये पहले ही जमा कर दिए थे। एनजीटी ने एचएसपीसीबी को निर्देश दिया है कि वह फैक्ट्री पर 33.6 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा लगाए और इसकी वसूली करे।
शिकायत और कार्रवाई
चुलकाना गांव के किसान रमेश कुमार ने एनजीटी में शिकायत दर्ज कराई थी कि अनुपचारित अपशिष्ट के कारण पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। उन्होंने हरियाणा ऑर्गेनिक्स लिमिटेड द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट, रसायन और गैसों के कारण अपनी फसलें नष्ट होने की बात कही थी। शिकायत के बाद, एनजीटी ने फरवरी में एक संयुक्त समिति गठित की थी, जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पानीपत एसडीएम और एचएसपीसीबी के अधिकारी शामिल थे।
जांच में मिली खामियां
14 मार्च को हुई जांच में, संयुक्त टीम ने पाया कि फैक्ट्री में जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी), रासायनिक ऑक्सीजन मांग (सीओडी) और कुल घुलित ठोस (टीडीएस) अनुमेय सीमाओं से अधिक थे। इसके बाद, आईआईटी दिल्ली की एक टीम ने भी फैक्ट्री का निरीक्षण किया। अगस्त के अंत में एचएसपीसीबी ने फैक्ट्री के सुझावों के अनुपालन की पुष्टि के लिए पुनः निरीक्षण किया।
एनजीटी ने 27 लाख रुपये में से 5 लाख रुपये चुलकाना गांव के किसान शिकायतकर्ता को देने का भी निर्देश दिया है। इसके अलावा, एचएसपीसीबी को क्षेत्र में पर्यावरण सुरक्षा और सुधार के लिए 22 लाख रुपये की कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू करने का आदेश दिया गया है।