- हरियाणा के MBBS परीक्षा घोटाले में स्टूडेंट्स ने आंसर शीट से छेड़छाड़ स्वीकार की।
- अनुशासन समिति ने हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराने का निर्णय लिया।
- घोटाले में 41 लोग नामजद, 3 कर्मचारी गिरफ्तार, 30+ स्टूडेंट्स से पूछताछ।
MBBS Scam: हरियाणा के MBBS परीक्षा घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच के दौरान एफआईआर में नामजद कुछ छात्रों ने अपनी आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ की बात कबूल की है। हालांकि, उन्होंने इस गड़बड़ी में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है।
सूत्रों के अनुसार, पीजीआईएमएस रोहतक में अनुशासन समिति की सुनवाई के दौरान एक निजी कॉलेज के कुछ छात्रों ने बताया कि उनकी उत्तर पुस्तिकाओं के कुछ हिस्सों में ऐसी लिखावट मिली है, जो उनकी खुद की लिखावट से मेल नहीं खाती। इसे देखते हुए अनुशासन समिति ने आंसर शीट की जांच हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से कराने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि इस मामले में 15 फरवरी को एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज रोहतक (UHSR) के 17 कर्मचारियों और 24 एमबीबीएस छात्रों सहित कुल 41 लोगों को नामजद किया गया था। अब तक तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और पुलिस जांच जारी है।
पीजीआईएमएस के अधिकारियों के अनुसार, अनुशासन समिति ने 30 से अधिक छात्रों को बुलाकर पूछताछ की। इनमें से चार से पांच छात्रों ने स्वीकार किया कि उनकी आंसर शीट के कुछ हिस्सों में अलग-अलग लिखावट थी। हालांकि, बाकी छात्रों ने किसी भी तरह की छेड़छाड़ से इनकार कर दिया। इससे पहले करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के निदेशक के नेतृत्व में तीन सदस्यीय पैनल ने भी कई आंसर शीट में गड़बड़ी के सबूत पाए थे।
पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. एसके सिंघल ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ छात्रों ने छेड़छाड़ की बात मानी है, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। अनुशासन समिति ने अब आंसर शीट की जांच हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से कराने का निर्णय लिया है।
इस घोटाले में आरोप है कि एमबीबीएस की वार्षिक और सप्लीमेंट्री परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय से बाहर ले जाकर दोबारा लिखी जाती थीं और फिर धोखाधड़ी के जरिए दोबारा जमा कर उत्तीर्ण अंक प्राप्त किए जाते थे। पुलिस और अनुशासन समिति इस मामले की गहन जांच कर रही हैं और जल्द ही इस घोटाले में और खुलासे होने की संभावना है।