केंद्र सरकार ने Supreme Court के सेवानिवृत्त न्यायाधीश वी रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। यह नियुक्ति मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत की गई है।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरुण कुमार मिश्रा का कार्यकाल 1 जून को समाप्त होने के बाद से यह पद खाली पड़ा था। वर्तमान में एनएचआरसी की सदस्य विजया भारती सयानी एनएचआरसी की कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल रही थीं।
वी रामसुब्रमण्यम की नियुक्ति के साथ, एनएचआरसी को एक नए अध्यक्ष का नेतृत्व प्राप्त हुआ है, जो मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएंगे।
उच्च स्तरीय समिति की बैठक में हुआ निर्णय
18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक हुई थी, जिसमें एनएचआरसी के अध्यक्ष की नियुक्ति पर चर्चा की गई। इस बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपसभापति, नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, तथा केंद्रीय गृहमंत्री भी शामिल थे। बैठक के बाद कई नामों की चर्चा की गई, लेकिन अंततः जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की नियुक्ति की घोषणा की गई, जिससे चर्चाओं का अंत हो गया।
जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम का योगदान
जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश हैं और उनके द्वारा कई महत्वपूर्ण फैसले दिए गए थे। इनमें नोटबंदी (डिमोनटाइजेशन) के फैसले पर मुहर लगाने वाला आदेश भी शामिल है। वे नोटबंदी पर फैसला सुनाने वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ का हिस्सा थे।
हिमाचल हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस बने एनएचआरसी के अध्यक्ष
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वी. रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इससे पहले, उन्होंने 22 जून 2019 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्यभार संभाला था। सितंबर 2019 में, वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने, और सुप्रीम कोर्ट के अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 102 महत्वपूर्ण फैसले दिए।
वी. रामसुब्रमण्यम 29 जून 2023 को सेवानिवृत्त हुए थे। रिटायरमेंट के बाद, अब उन्हें एनएचआरसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।
इस नियुक्ति के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय बैठक 18 दिसंबर 2024 को आयोजित की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के नए अध्यक्ष के नाम पर विचार किया गया।