नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का नया अत्याधुनिक कार्यालय, ‘केशव कुंज’, अब तैयार हो चुका है। 150 करोड़ रुपये की विशाल दान राशि से इस कार्यालय का निर्माण हुआ है, जो आधुनिकता और भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम प्रतीत होता है। लेकिन इस कार्यालय की असल खासियत क्या है, और यह संघ के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा?
कैसा होगा नया ‘केशव कुंज’?
इस नए कार्यालय की स्थापत्य शैली में सादगी के साथ-साथ गुजरात और राजस्थान की वास्तुकला का खूबसूरत मिश्रण देखने को मिलेगा। खासकर, भारतीय संस्कृति को ध्यान में रखते हुए इसे डिजाइन किया गया है। लेकिन क्या इस ‘सादगी’ में कुछ छिपा हुआ संदेश है?

प्रवेशोत्सव और प्रमुख आयोजक
19 फरवरी को, शिवाजी जयंती के मौके पर, इस नए ‘केशव कुंज’ का उद्घाटन डॉ. मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबाले की उपस्थिति में किया जाएगा। क्या यह केवल एक नया कार्यालय है, या इसके पीछे संघ का कोई गहरा रणनीतिक उद्देश्य छिपा है?
विशाल निर्माण, अद्भुत सुविधाएं

यह नया कार्यालय लगभग 75,000 स्वयंसेवकों और दानदाताओं की मदद से बना है, जिसमें तीन बड़े टॉवर शामिल हैं: साधना, प्रेरणा, और अर्चना। क्या इन टॉवरों का नामकरण किसी गहरे प्रतीकात्मक अर्थ को व्यक्त करता है? इसके अलावा, कार्यालय में सुसज्जित लाइब्रेरी, चिकित्सा सुविधाएं, और अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्थाएं भी हैं। लेकिन, क्या यह सिर्फ भव्यता है, या यह RSS के प्रभाव को और मजबूत करने की योजना का हिस्सा है? इस नए कार्यालय में पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए कई सुविधाएं भी जोड़ी गई हैं।