नई दिल्ली में विद्या भारती के एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने समाज की एकजुटता और समग्र विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केवल एक वर्ग या समूह के कल्याण तक सीमित रहने के बजाय संपूर्ण समाज की उन्नति के लिए प्रयास करना आवश्यक है।
डॉ. भागवत ने कहा कि हमारी शक्ति और संसाधन केवल अपने लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के कल्याण के लिए समर्पित होने चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हमारे समाज में विभिन्न विचारधाराएं हैं, और हमें उन लोगों को भी साथ लेकर चलना होगा जो हमारे विचारों से सहमत नहीं हैं।
उन्होंने विमर्श के स्वरूप को बदलने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच और रचनात्मक विचारों के माध्यम से ही समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मतभेद स्वाभाविक हैं, लेकिन कार्य की दिशा सही होनी चाहिए। समाज के हर वर्ग की उन्नति ही हमारा मुख्य उद्देश्य होना चाहिए।