हरियाणा कांग्रेस में नेताओं के बीच गुटबाजी की खबरें सामने आई हैं। अब नेताओं की गुटबाजी सिर्फ स्टार प्रचारकों के मंच पर ही नहीं, बल्कि रैली(Rally) में सामान्य जनता के बीच भी दिखने लगी है। Fatehabad की एक रैली(Rally) में सिरसा से कांग्रेस के उम्मीदवार कुमारी सैलजा(Kumari Salija) के समर्थन में सभी नेताओं का समर्थन दिखाया गया था। जिसमें राजस्थान के डिप्टी सीएम सचिन पायलट(Sachin Pilot) भी मौजूद रहे।
बता दें कि रैली(Rally) के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुडा के समर्थन में प्रहलाद सिंह गिल्लाखेड़ा नामक पूर्व विधायक(Former MLA) ने मंच पर सबसे आगे हाथ हिलाया। इसी दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विनीत पुनिया पीछे रह गए, उन्होंने गिल्लाखेड़ा को पीछे धकेला। सचिन पायलट(Sachin Pilot) ने इसे देखा और उन्होंने भी गिल्लाखेड़ा को डांटा और पीछे धक्का दिया। रैली का आयोजन बलवान सिंह दौलतपुरिया नामक समर्थक ने किया था। इसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें भूपेंद्र हुडा, सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और किरण चौधरी के बीच गुटबाजी का आरोप लगा रहे हैं। विनीत पुनिया को लेकर यह सब घटनाएं हुईं, वे फतेहाबाद के निवासी हैं। उन्हें रणदीप सिंह सुरजेवाला के बहुत करीब माना जाता है।
विनीत अधिकतर समय दिल्ली में बिताते हैं और केंद्रीय नेताओं के संपर्क में रहते हैं। सचिन पायलट से भी इनकी जान पहचान है। रैली के बाद जब सचिन अपनी कार से जा रहे थे, तो विनीत भी उनके साथ थे। विनीत पुनिया इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में फतेहाबाद सीट से कांग्रेस टिकट के दावेदार हैं। उन्होंने कहा कि हम और आप एक ही वोट के मालिक हैं, यह हमारे संविधान की खूबसूरती है कि बड़े से बड़ा अरबपति और रेहड़ी लगाने वाले आम इंसान के वोट की कीमत भी बराबर है, इसलिए इस वोट की कीमत को पहचानकर सही दिशा में वोट करना है।
मंडियां क्यों बंद करना चाहती है सरकार
उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक मात्र पार्टी है जो अपने घोषणापत्र को बता रही है, भाजपा ने 10 साल तक अपने घोषणा पत्र बारे नहीं बताया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने काले कानून बनवाए, फिर वापस लिए, लेकिन यह नहीं बताया कि यह कानून क्यों बनाए। हरियाणा की खट्टर सरकार के दौरान जब-जब कोई आंदोलन हुआ तो आंदोलनकारियों पर लाठियां मारी गईं। सरकार मंडियां क्यों बंद करना चाहती है।
सरकार हर मोर्चे पर नजर आ रही विफल
सचिन पायलट ने रैली में कहा कि यह लोकसभा चुनाव अब निर्णायक चुनाव होने जा रहा है। देश के आने वाले 5 सालों की तकदीर को यह निर्धारित करेगा। दिल्ली में 10 साल से भाजपा की सरकार है और हरियाणा में भी 10 सालों से भाजपा सत्ता में बैठी है। यह सरकारें भी जनता द्वारा ही चुनी गई, लेकिन जनता ने महंगाई, बेरोजगारी रोकने, काला धन वापस लाने के जुमले सुनकर उन्हें चुना था, लेकिन अब सरकार हर मोर्चे पर विफल नजर आ रही है।