हरियाणा में बीजेपी(BJP) के लिए चुनावी मैदान थोड़ा कठिन दिख रहा है। भाजपा(BJP) के उम्मीदवारों को लोगों की आलोचना(Criticism) का सामना करना पड़ रहा है। विशेषकर जीटी रोड बेल्ट में बीजेपी को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। करनाल(Karnal) लोकसभा प्रत्याशी एवं पूर्व सीएम मनोहर लाल(Former CM Khattar) को कुछ गांवों में किसानों की आपत्ति(Criticism) का सामना करना पड़ा, किसानों ने गांव में आने से पहले ही उन्हें रास्ते में काले झंडे(Black Flag) दिखाना शुरू कर दिया। पहले ही सिरसा और रोहतक लोकसभा सीटों पर भी बीजेपी के उम्मीदवारों को लोगों की आपत्ति का सामना करना पड़ा है। दुष्यंत चौटाला को भी कुछ गांवों में विरोध मिला है।
बता दें कि असंध में जब विरोध का आरंभ हुआ था, तब गांव गंगाटेहडी में बलजीत टूर्ण द्वारा एक रोड शो का आयोजन किया गया। मनोहर लाल को वहां पहुंचने पर किसानों ने उनके खिलाफ प्रतिवाद जताया। इसके बाद वह अन्य गांवों में भी अपने कार्यक्रम को जारी रखने की कोशिश की, परन्तु किसानों का विरोध बरकरार रहा। किसानों की मुख्य मांग है कि उन्हें उनके हक का मुआवजा मिलना चाहिए। वे ओलावृष्टि के मुआवजे, दिल्ली कूच के दौरान हुए हिंसात्मक वारदातों का जवाब और खनौरी बॉर्डर पर हुई गोलियों के विरोध में आवाज उठा रहे हैं।
किसानों का कहना है कि बीजेपी ने हमेशा ही उनके साथ गलत तरीके से पेश आया है और उनकी बातों को नहीं सुना है। कुछ गांवों में किसान संघठनों के साथ मिलकर विरोध किया जा रहा है। अगर सरकार उनके मुद्दों पर संवेदनशील नहीं होती, तो वहां काले झंडे दिखाए जा सकते हैं। हालांकि बीजेपी के नेताओं से संवाद की कोशिश की गई, परंतु प्रशासन ने इसे रोक दिया और वे पूर्व मुख्यमंत्री के साथ अग्रसर हो गए।
किसानों से अन्याय क्यों
किसानों की आज का कहना है कि पांच दिन पहले ही जींद में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें निर्णय लिया गया कि बीजेपी और जेजेपी के उम्मीदवारों से उनके मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। वे पूछना चाहते हैं कि आखिर क्यों किया जा रहा है किसानों के साथ अन्याय, और क्यों नहीं दिया जा रहा है उनके नुकसान का मुआवजा। बिलौना, रत्तक, रकसाना और डाचर में विरोध की गई आज की घटनाएं और आगे भी विरोध जारी रहेगा।