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धर्मपाल दीक्षित ने जाते-जाते किया नेत्रदान, समालखा में नम आंखों से दी अंतिम विदाई

हरियाणा की बड़ी खबर

➤ गांधी आदर्श कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. धर्मपाल दीक्षित ने मृत्यु के बाद नेत्रदान कर दिया प्रेरणादायक संदेश
➤ परिवार ने सहमति दी, माधव नेत्र बैंक ने संपन्न कराया पुण्य कार्य
➤ समालखा की समाजसेवी संस्थाएं और गणमान्य लोग हुए अंतिम विदाई में शामिल

अशोक शर्मा, समालखा

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समालखा में आज समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल बन चुके व्यक्ति डॉ. धर्मपाल दीक्षित को नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई। गांधी आदर्श कॉलेज, समालखा के पूर्व प्रिंसिपल रहे डॉ. दीक्षित ने मृत्यु के उपरांत नेत्रदान कर एक बार फिर समाज को प्रेरित कर दिया।

85 वर्षीय डॉ. दीक्षित का निधन नोएडा के एक अस्पताल में आज सुबह हो गया। निधन के उपरांत उनके पुत्र अंशुमान दीक्षित, पुत्रवधू अंजू दीक्षित, धर्मपत्नी निर्मला दीक्षित और भाई संतोष दीक्षित ने नेत्रदान की अनुमति दी। यह प्रेरणा उन्हें समालखा के समाजसेवी डॉ. नरेश गुलाटी से मिली।

माधव नेत्र बैंक, करनाल के डॉ. किशोरी लाल की देखरेख में नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की गई। जन सेवा दल समालखा के वरिष्ठ सदस्य संजीव खन्ना ने बताया कि डॉ. दीक्षित ने जीवन भर शिक्षा की सेवा की और अब मृत्यु के उपरांत भी अपने नेत्रों से रोशनी देकर मानवता को नई दृष्टि दी है।

इस मौके पर जन सेवा दल समालखा के अध्यक्ष कुलभूषण अरोड़ा, सचिव पंकज अरोड़ा (गोल्डी), रवि सचदेवा, पानीपत जन सेवा दल अध्यक्ष कृष्ण मनचंदा, चमन लाल गुलाटी, कपिल मनचंदा सहित कई सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

नेत्रदान के उपरांत डॉ. दीक्षित के परिवार को प्रमाण पत्र सौंपा गया और एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया, जिसमें समालखा के अनेक गणमान्य नागरिक, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, और गांधी आदर्श कॉलेज के पूर्व लेक्चरर शामिल हुए।

डॉ. दीक्षित का अंतिम संस्कार समालखा की शिवपुरी में किया गया। इस अवसर पर उनके पौत्र अरिहान दीक्षित, अनिरुद्ध दीक्षित, और भतीजे अमन दीक्षित, श्रेय दीक्षित भी उपस्थित रहे। समाज में डॉ. दीक्षित की छवि एक निष्ठावान शिक्षक और सच्चे समाजसेवी की रही है।