➤ CET 2025 की एग्जाम डेट इसी हफ्ते हो सकती है घोषित
➤ मुख्यमंत्री सैनी ने डीसी के साथ बैठक में सुरक्षा और पारदर्शिता पर दिया ज़ोर
➤ कोर्ट ने नई रजिस्ट्रेशन याचिका की खारिज, लेकिन करेक्शन के लिए सरकार खोलेगी पोर्टल
हरियाणा कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) 2025 को लेकर प्रदेश सरकार ने तैयारियां अंतिम चरण में पहुंचा दी हैं और इसकी एग्जाम डेट इसी हफ्ते घोषित होने की संभावना है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मंगलवार को जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की और परीक्षा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था, पारदर्शिता और नकल रोकने के उपायों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार बिना ‘पर्ची और खर्ची’ की नीति पर अडिग है और CET जैसी अहम परीक्षा में युवाओं को निष्पक्ष मौका देना ही भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी परीक्षा केंद्रों पर CCTV, फ्लाइंग स्क्वॉड और सख्त निगरानी रखी जाए ताकि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की संभावना न रहे।
13.5 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने किया आवेदन
हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने जानकारी दी है कि इस परीक्षा के लिए 13 लाख 50 हजार से अधिक युवाओं ने आवेदन किया है। परीक्षा जुलाई माह में ही कराई जाएगी और इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
हाईकोर्ट ने नई याचिका की खारिज, लेकिन सरकार ने दी राहत
CET के लिए पोर्टल दोबारा खोलने की मांग को लेकर युवाओं ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। हालांकि, सरकार ने साफ किया है कि जो अभ्यर्थी रिजर्वेशन सर्टिफिकेट जैसे जरूरी दस्तावेज अपलोड नहीं कर पाए, उनके लिए सशर्त पोर्टल खोला जाएगा। एडवोकेट जनरल प्रमेन्द्र चौहान ने कोर्ट को बताया कि एग्जाम की अंतिम तारीख से पहले आवेदन करने वालों को ही सुधार का अवसर दिया जाएगा।
CET की बैठक में मानसून पर भी चर्चा
मुख्यमंत्री ने बैठक में हरियाणा में सक्रिय मानसून के चलते जलभराव की स्थिति पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में ड्रेनेज सिस्टम, नालों और पंप सेटों की सफाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि नागरिकों को बारिश के कारण किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए प्रशासन को पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए।
अब गेंद सरकार के पाले में
CET को लेकर जहां तकनीकी और प्रशासनिक तैयारियां तेज हो चुकी हैं, वहीं एग्जाम डेट की घोषणा के बाद युवाओं की नजर अब पोर्टल करेक्शन और सेंटर अलॉटमेंट पर होगी। सरकार के लिए यह परीक्षा पारदर्शिता और व्यवस्था की बड़ी परीक्षा बन गई है, खासतौर पर तब जब विपक्ष कई बार HSSC की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा चुका है।