➤ हरियाणा में 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों का CET एग्जाम संपन्न
➤ दो दिनों तक चार पालियों में हुई परीक्षा, HSSC परिणाम प्रक्रिया में जुटा
➤ आपत्तियां, बायोमेट्रिक मिलान और प्रमाण-पत्र सुधार का मिलेगा मौका
हरियाणा में संयुक्त पात्रता परीक्षा (CET)-2025 दो दिनों तक सफलतापूर्वक संपन्न हो गई है। इस महत्वपूर्ण परीक्षा को चार पालियों में आयोजित किया गया, जिसमें 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। यह हरियाणा में दूसरी बार आयोजित हुई CET परीक्षा है, जो राज्य में विभिन्न सरकारी पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) अब परीक्षा के परिणाम घोषित करने की दिशा में छह चरणों में काम करेगा। इस प्रक्रिया का पहला महत्वपूर्ण चरण ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) शीट की उत्तर कुंजी अपलोड करना होगा। आयोग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, यदि परीक्षार्थियों को किन्हीं प्रश्नों के जवाब को लेकर कोई आपत्ति होगी, तो उन्हें 250 रुपये प्रति आपत्ति का शुल्क जमा कराना होगा। यह शुल्क किसी भी स्थिति में वापस नहीं होगा, इसलिए परीक्षार्थियों को आपत्तियां दर्ज कराते समय सावधानी बरतनी होगी।
आयोग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि निर्धारित अवधि के बाद किसी भी आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा। प्रारंभिक उत्तर कुंजी पर प्राप्त आपत्तियों के निपटान के लिए, आयोग आवश्यकता समझने पर एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी कर सकता है। इस समिति या मुख्य परीक्षक की अनुशंसा के आधार पर आयोग का निर्णय ही अंतिम और मान्य होगा, जिस पर परीक्षार्थियों को कोई आपत्ति नहीं होगी। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि परीक्षार्थियों की ओएमआर शीट का मूल्यांकन मैनुअली के बजाय कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जाएगा, और इसलिए ओएमआर शीट के पुनर्मूल्यांकन की कोई प्रक्रिया अभी तक तय नहीं है। आयोग यह भी स्पष्ट कर चुका है कि इस पूरी प्रक्रिया को लेकर तिथि नहीं बढ़ाई जाएगी, इसलिए परीक्षार्थियों को निर्धारित अवधि में सभी प्रक्रियाओं पर ध्यान देना होगा।
इसके अतिरिक्त, आयोग ने परीक्षा में किसी भी प्रकार की धांधली या पहचान संबंधी संदिग्धता को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। जिन परीक्षार्थियों की पहचान आयोग को संदिग्ध लगेगी, उन्हें आयोग द्वारा बुलाया जाएगा। ऐसे परीक्षार्थियों की आवश्यकता पड़ने पर बायोमेट्रिक्स डेटा (अंगूठे या चेहरे के निशान) को लेकर दोबारा से मिलान किया जा सकता है। इन परीक्षार्थियों को आयोग अपना पक्ष रखने के लिए भी बुलाएगा। यदि बायोमेट्रिक डेटा के बेमेल होने की स्थिति पाई जाती है, तो आवेदन रद्द हो सकता है, जो परीक्षा की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं, जो अभ्यर्थी पिछली बार CET में शामिल हुए थे और इस बार भी पंजीकरण के बाद परीक्षा दे चुके हैं, उनके लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्हें एक ही पंजीकरण नंबर मर्ज कराने के लिए पोर्टल खोला जाएगा, जिससे उनके पिछले और नए डेटा को एकीकृत किया जा सके। इसी तरह से, आरक्षण से संबंधित प्रमाण-पत्रों में यदि कोई त्रुटि हुई है, तो उसे दूर करने के लिए भी परिणाम घोषित होने से पहले परीक्षार्थियों को मौका मिलेगा, जिससे वे दोबारा से अपने सही प्रमाण-पत्र अपलोड कर सकेंगे। यह कदम अभ्यर्थियों को किसी भी तकनीकी या दस्तावेजी त्रुटि के कारण परीक्षा से वंचित होने से बचाएगा।