➤ नगर निगमों, परिषदों और कमेटियों की प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृति की नई व्यवस्था लागू
➤ झज्जर, पानीपत समेत सभी निकायों को ‘हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल’ के जरिए कार्य अनुमोदन की बाध्यता
➤ 25 करोड़ तक के काम अब बिना मंत्रीमंडलीय मंजूरी के निगम स्तर पर स्वीकृत हो सकेंगे
हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 11 जुलाई को एक अहम अधिसूचना जारी करते हुए प्रदेश के सभी नगर निगमों, परिषदों और नगर पालिकाओं को दी जाने वाली प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृति की शक्तियों में बढ़ोतरी की है। यह अधिसूचना पूर्व में 9 जून को जारी आदेश की जगह लागू की गई है और इसका उद्देश्य नगरीय निकायों के सुचारु संचालन को सशक्त और गति देने के लिए ‘वित्तीय विकेंद्रीकरण’ को लागू करना है।
नगर निगम गुरुग्राम और फरीदाबाद के लिए निर्धारित किया गया है कि 50 लाख तक के कार्यों को निगमायुक्त प्रशासकीय स्तर पर और कार्यकारी अभियंता तकनीकी स्तर पर स्वीकृति देगा। इसी प्रकार 50 लाख से 2.5 करोड़ तक के कार्यों के लिए निगमायुक्त और अधीक्षण अभियंता जिम्मेदार होंगे। 2.5 करोड़ से 10 करोड़ तक के कार्य निगम की वित्तीय समिति की मंजूरी से होंगे, जबकि 10 करोड़ से ऊपर और 25 करोड़ तक के मामलों में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री की स्वीकृति अनिवार्य होगी। 25 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं की अंतिम स्वीकृति मुख्यमंत्री देंगे।
अन्य नगर निगमों (गुरुग्राम-फरीदाबाद को छोड़कर) के लिए यह सीमा कुछ अलग तय की गई है, जहां 50 लाख तक के मामलों को निगमायुक्त स्वयं स्वीकृत कर सकता है, लेकिन 1 करोड़ से ऊपर के मामलों में निगम की वित्तीय समिति और विभाग के प्रमुखों की भागीदारी अनिवार्य होगी।
नगर परिषदों और नगर समितियों के लिए भी सशक्तिकरण की दिशा में बदलाव किया गया है। यहां 25 लाख तक के कार्य अब वित्तीय समिति की स्वीकृति से हो सकेंगे, जबकि 1 करोड़ से ऊपर के मामलों में जिला नगर आयुक्त और शहरी निकाय मंत्री तक की भूमिका सुनिश्चित की गई है।
भ्रष्टाचार और प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी कार्यों का अनुमोदन केवल ‘हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल’ के जरिए किया जाएगा, और टेंडर प्रक्रिया को भी तीन स्तरों (5%, 10% और उससे ऊपर) की मंजूरी व्यवस्था में बांटा गया है, जहां संबंधित अभियंता, निगमायुक्त, मंत्री व मुख्यमंत्री की भागीदारी तय की गई है।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और इसे अधिसूचना संख्या 09/59/2025-4CII के स्थान पर प्रभावी माना जाएगा।