Haryana Government Appoints Nominated Councillors in 8 Municipal Corporations

Breaking News: हरियाणा के आठ नगर निगमों में नॉमिनेटेड पार्षदों की सूची जारी, 72 नगरपालिकाओं के नाम भी तय

हरियाणा की बड़ी खबर

➤ हरियाणा के 8 नगर निगमों में नामित पार्षदों की सूची जारी
➤ हर नगर निगम से 3-3 नॉमिनेटेड पार्षदों की नियुक्ति की गई
➤ 72 नगरपालिकाओं के लिए भी जारी हुई नॉमिनेटेड पार्षदों की अधिसूचना


हरियाणा सरकार ने प्रदेश के आठ नगर निगमों के लिए नॉमिनेटेड पार्षदों (नामित पार्षदों) की आधिकारिक सूची जारी कर दी है। प्रत्येक नगर निगम से तीन-तीन सदस्यों को मनोनीत किया गया है। साथ ही, प्रदेश के 21 जिलों की 72 नगरपालिकाओं में भी नॉमिनेटेड पार्षदों के नाम तय किए गए हैं। इस संबंध में नगर विकास एवं शहरी निकाय विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें स्थानीय स्तर पर समाज सेवा, व्यापार और सामाजिक प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए चयन किया गया है।

नॉमिनेटेड पार्षदों को नगर निगमों की विभिन्न समितियों और विकास कार्यों में राय देने का अधिकार प्राप्त होता है, हालांकि उनके पास मतदान का अधिकार नहीं होता। ये नियुक्तियां राज्य सरकार की अनुशंसा पर प्रशासकीय स्तर पर की जाती हैं

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आठ नगर निगमों में नॉमिनेटेड पार्षदों की सूची इस प्रकार है:

1. यमुनानगर नगर निगम:

  • ऊषा रानी
  • सीमा गुलाटी
  • सरदार हरभजन सिंह

2. करनाल नगर निगम:

  • गौरव नागपाल
  • उमेश परोचा
  • विशेष वर्मा

3. पानीपत नगर निगम:

  • धर्मबीर कश्यप
  • डॉ. गौरव श्रीवास्तव
  • हिमांशु बंगा

4. रोहतक नगर निगम:

  • रमेश बोहर
  • अशोक वर्मा
  • अनीता गर्ग

5. फरीदाबाद नगर निगम:

  • योगेश शर्मा
  • प्रियंका बिष्ट बुधनी
  • जसवंत सैनी

6. गुरुग्राम नगर निगम:

  • सचिन देवतवल
  • विक्रांत यादव
  • कृष्ण स्वामी

7. मानेसर नगर निगम:

  • सतदेव शर्मा
  • किरोड़ी तंवर
  • शेर सिंह

8. हिसार नगर निगम:

  • सुरेश जांगड़ा
  • गगन शर्मा
  • सुरजीत सैनी

इसके अतिरिक्त, प्रदेश की 72 नगरपालिकाओं में भी नॉमिनेटेड पार्षदों की सूची अधिसूचित कर दी गई है, जिसमें जिला स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे चयनित नामों के आधार पर आगामी नगर परिषद की बैठकों में समुचित भूमिका सुनिश्चित कराएं। इन पार्षदों को नगर विकास, सफाई, जल आपूर्ति, ठोस कचरा प्रबंधन और स्थानीय परियोजनाओं में भागीदारी के लिए सक्रिय भूमिका में रखा जाएगा।

इन नामों का चयन जातिगत प्रतिनिधित्व, सामाजिक कार्यों में योगदान, राजनीतिक सिफारिशों और स्थानीय प्रभाव को आधार बनाकर किया गया है। आगामी निकाय चुनावों से पहले इन नियुक्तियों को राजनीतिक समीकरणों को साधने की रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है।