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भारत का पहला डिज्नीलैंड गुरुग्राम में बनेगा: केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, मानेसर में होगा 500 एकड़ में थीम पार्क

हरियाणा की बड़ी खबर

➤ हरियाणा के मानेसर में बनेगा भारत का पहला डिज्नीलैंड-स्टाइल थीम पार्क

➤ केंद्र सरकार से मिली मंजूरी, मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दी जानकारी

➤ रोजगार, पर्यटन और बुनियादी ढांचे में होगा बड़ा इजाफा


हरियाणा के गुरुग्राम जिले में स्थित मानेसर क्षेत्र में अब भारत का पहला डिज्नीलैंड-स्टाइल थीम पार्क बनने जा रहा है। यह घोषणा मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की है। उन्होंने बताया कि इस मेगा प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और इसे मानेसर के पास 500 एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा। यह परियोजना हरियाणा और देश के लिए पर्यटन के क्षेत्र में एक नया युग शुरू करेगी।

परियोजना के लिए चयनित स्थल पचगांव चौक के नजदीक है, जहां से केएमपी एक्सप्रेसवे और हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर की कनेक्टिविटी मिलेगी। मुख्यमंत्री के अनुसार, यह लोकेशन दिल्ली-एनसीआर, गुड़गांव और औद्योगिक कॉरिडोर के बीच पड़ने के कारण आदर्श मानी जा रही है।

परियोजना का उद्देश्य केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हरियाणा में आर्थिक गतिविधियों को गति देने, युवाओं को रोजगार देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की एक नई पहचान बनाने के लिए भी है। इस पार्क में विदेशी निवेशकों को भी जोड़ा जाएगा और डिज्नी ग्रुप के साथ संभावित साझेदारी की बात भी सामने आ रही है।

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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की थी, जिन्होंने इस थीम पार्क की अवधारणा और स्थान को मंजूरी दी। यह प्रोजेक्ट अब सरकार के ‘टूरिज्म डेवेलपमेंट मिशन’ के तहत तेज़ी से आगे बढ़ेगा।

हालांकि इससे पहले भी वर्ष 1989 में इनेलो सरकार के समय में 28,000 एकड़ में डिज्नीलैंड बनाने की योजना बनी थी, लेकिन किसानों के विरोध और भूमि अधिग्रहण के विवादों के चलते वह योजना फेल हो गई थी। इस बार सरकार जमीन अधिग्रहण की बजाय भूमि साझेदारी मॉडल पर काम कर रही है, ताकि स्थानीय लोगों का सहयोग भी बना रहे और मुआवजा विवाद न हो।

राज्य सरकार इस परियोजना को एक बड़े पर्यटन कॉरिडोर के रूप में विकसित करना चाहती है, जिसमें आगे चलकर सूरजकुंड मेला, गीता महोत्सव, दिवाली फेस्टिवल और अंतरराष्ट्रीय बुक फेयर जैसे आयोजन भी नियमित रूप से शामिल किए जाएंगे।

वित्तीय दृष्टि से भी यह परियोजना भारी निवेश और रोजगार सृजन की संभावना लेकर आई है। राज्य सरकार के मुताबिक, पार्क के निर्माण, संचालन और संबंधित क्षेत्रों में 10,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर बनेंगे। होटल, ट्रांसपोर्ट, रेस्टोरेंट, गाइड और सांस्कृतिक उत्पादों की भी बड़ी मांग बढ़ेगी।

कुल मिलाकर, यह पार्क हरियाणा को केवल एक औद्योगिक राज्य से सांस्कृतिक और मनोरंजन के अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। परियोजना का काम 2025 के अंत तक शुरू होने की संभावना है।