➤ 17 अगस्त को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
➤ देश का पहला 8-लेन अर्बन एलिवेटेड एक्सप्रेसवे तैयार
➤ गुरुग्राम से एयरपोर्ट 10 मिनट, सोनीपत 50 मिनट में
देश का पहला 8-लेन अर्बन एलिवेटेड द्वारका एक्सप्रेसवे अब उद्घाटन के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 अगस्त को रोहिणी हेलीपैड के पास आयोजित कार्यक्रम में इस एक्सप्रेसवे और अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) का लोकार्पण करेंगे। इन दोनों परियोजनाओं से दिल्ली-एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव घटेगा, यात्रा समय में भारी कमी आएगी और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

29 किलोमीटर लंबा द्वारका एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना के तहत 9,000 करोड़ रुपए की लागत से बना है, जिसमें 18.9 किमी हरियाणा और 10.1 किमी दिल्ली में है। यह महिपालपुर के शिव मूर्ति से शुरू होकर गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा तक जाता है। निर्माण में 2 लाख मीट्रिक टन स्टील और 20 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट का इस्तेमाल हुआ, जो एफिल टॉवर और बुर्ज खलीफा से भी अधिक है। परियोजना में 34 अंडरपास, 31 सुरंग, 12 ओवरब्रिज और देश की सबसे चौड़ी 3.6 किमी लंबी 8-लेन अर्बन टनल शामिल है।
इस एक्सप्रेसवे से गुरुग्राम से IGI एयरपोर्ट की दूरी मात्र 10 मिनट में और सोनीपत तक 50 मिनट में तय होगी। साथ ही, गुरुग्राम के 35 से अधिक सेक्टरों, 50 गांवों और हरियाणा के 8 जिलों (सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, रोहतक, जींद, गुरुग्राम) को सीधा लाभ मिलेगा।

UER-2, जिसे दिल्ली का तीसरा रिंग रोड कहा जा रहा है, 75.71 किमी लंबा और 7,716 करोड़ रुपए लागत वाला 6-लेन हाईवे है। यह दिल्ली-रोहतक हाईवे, सोनीपत-गोहाना हाईवे और गुरुग्राम-सोहना हाईवे को जोड़ता है और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी कनेक्ट करता है।
दोनों परियोजनाओं के शुरू होने से न केवल दिल्ली-एनसीआर बल्कि पूरे उत्तरी भारत में तेज, सुगम और सुविधाजनक यात्रा का नया युग शुरू होगा।
द्वारका एक्सप्रेसवे एनसीआर में बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए तैयार किया गया एक मल्टी-फीचर हाईवे प्रोजेक्ट है। यह नेशनल हाईवे-8 (NH-48) के दिल्ली स्थित शिव मूर्ति को गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल प्लाजा से जोड़ता है।
एक्सप्रेसवे का निर्माण होने से दिल्ली और गुरुग्राम के बीच का सफर पहले से तेज़, सुरक्षित और जाम-मुक्त होगा। खासतौर पर IGI एयरपोर्ट और दिल्ली-द्वारका क्षेत्र से आने-जाने वाले यात्री अब आसानी से गुरुग्राम और हरियाणा के अन्य शहरों तक पहुंच सकेंगे।
लंबाई और निर्माण लागत:
- कुल लंबाई 29 किलोमीटर
- 18.9 किमी हिस्सा हरियाणा में, 10.1 किमी हिस्सा दिल्ली में
- निर्माण लागत लगभग 9000 करोड़ रुपये
- भारत का पहला एलिवेटेड 8-लेन एक्सेस-कंट्रोल अर्बन एक्सप्रेसवे
इंफ्रास्ट्रक्चर और डिजाइन:
- 9 किलोमीटर लंबा और 34 मीटर चौड़ा एलिवेटेड रोड
- आधुनिक फ्लाईओवर, अंडरपास और सुरंग
- दिल्ली सेक्शन में 3.6 किमी लंबी उथली सुरंग, जिसमें से एक हिस्सा विस्फोट-रोधी है
- रोजाना 40,000 वाहनों के यातायात की क्षमता
- आपातकालीन निकास और विशेष नियंत्रण कक्ष
- एक्सेस-कंट्रोल सिस्टम ताकि तेज़ रफ्तार और सुरक्षा बनी रहे
चार चरणों में निर्माण:
- महिपालपुर (शिव मूर्ति) से बिजवासन – लंबाई 5.9 किमी
- बिजवासन आरओबी से दिल्ली-हरियाणा सीमा – लंबाई 4.2 किमी
- दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से बसई आरओबी – लंबाई 10.2 किमी
- बसई से खेड़की दौला क्लोवरलीफ़ इंटरचेंज – लंबाई 8.7 किमी
यात्रियों के लिए फायदे:
- दिल्ली-गुरुग्राम के बीच सफर का समय कम होगा
- NH-48 पर जाम का दबाव घटेगा
- एयरपोर्ट कनेक्टिविटी में सुधार
- हरियाणा और दिल्ली के बीच मालवाहक ट्रैफिक के लिए तेज़ मार्ग
- वर्षा के मौसम में जलभराव से बचाव के लिए बेहतर ड्रेनेज सिस्टम
विशेषताएं जो इसे खास बनाती हैं:
- इंडिया का पहला एलिवेटेड अर्बन एक्सप्रेसवे
- सुरंग में सुरक्षा अलार्म और सीसीटीवी मॉनिटरिंग
- टोल प्लाजा पर ऑटोमेटेड टोल कलेक्शन
- हाईवे के किनारे साउंड बैरियर ताकि शहरी क्षेत्रों में शोर प्रदूषण कम हो
- हरियाली और लैंडस्केपिंग के लिए ग्रीन बेल्ट ज़ोन